पंजाब के कपूरथला जिले में ब्यास नदी ने कहर बरपा दिया है। मंगलवार को भारी बारिश के चलते नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से मंड क्षेत्र की निचली ज़मीनें बुरी तरह जलमग्न हो गईं। यहां धान के खेतों में लगभग 15 से 20 फीट तक पानी भर गया है।
मंड क्षेत्र, जो ब्यास नदी और धुसी बंध के बीच आता है, पूरी तरह से मुख्य भूमि से कट चुका है। इस समय ब्यास नदी में लगभग 1.55 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है, जिसकी वजह हिमाचल प्रदेश के कैचमेंट क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश बताई जा रही है।
मंगलवार सुबह आहली कलां गांव के पास अग्रिम तटबंध टूट गया, जिससे करीब 30,000 एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई। यह तटबंध पिछले दस दिनों से ग्रामीणों द्वारा मजबूती से तैयार किया जा रहा था, ताकि आसपास के 30 गांवों की ज़मीन को बचाया जा सके।
राज्यसभा सांसद बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा,
"यह टूटना ग्रामीणों द्वारा रणनीतिक रूप से किया गया था, ताकि खेतों को ब्यास के तेज़ बहाव से बचाया जा सके। लेकिन अब स्थिति बेहद गंभीर हो गई है और किसानों को धान की फसल के नुकसान का डर सता रहा है।"
इस आपदा से प्रभावित किसानों के सामने अब बड़ी चुनौती अपनी मेहनत की फसल को बचाने की है। ग्रामीण प्रशासन और राहत कार्यों की ओर उम्मीद लगाए बैठे हैं।