चंडीगढ़ (Haryana News):
हरियाणा पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह के “थार और बुलेट बदमाशों की पहचान” वाले बयान ने पूरे राज्य में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है।
यह बयान गुरुग्राम में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आया, जहां डीजीपी ने कहा –
“थार और बुलेट चलाने वाले अक्सर बदमाश किस्म के होते हैं। जिसके पास थार है, उसका दिमाग घूमा होता है। यह गाड़ी नहीं, बल्कि एक स्टेटमेंट है — ‘हम ऐसे हैं’। तो ठीक है, भुगतो फिर।”
डीजीपी ने यहां तक कहा कि वह अपने विभाग में भी लिस्ट निकालेंगे कि कितने पुलिसकर्मियों के पास थार गाड़ी है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा –
“दोनों मजे नहीं मिल सकते... दादागिरी भी करो और फंसे भी नहीं!”
सोशल मीडिया पर मीम्स और प्रतिक्रियाओं की बाढ़
डीजीपी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मीम्स, टिप्पणियों और तंजों की झड़ी लग गई है। ट्विटर (X), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर यूजर्स ने इस बयान पर खूब मज़े लिए।
कई लोगों ने डीजीपी के बयान को ‘ओवर जनरलाइजेशन’ बताया, जबकि कुछ ने इसे बदमाशों के प्रति सख्त चेतावनी के रूप में सराहा।
दुष्यंत चौटाला का तंज: “तो क्या ये भी बदमाश हैं?”
सबसे दिलचस्प पलटवार आया पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की ओर से।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तीन तस्वीरें शेयर कीं —
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केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की बुलेट पर सवारी करते हुए तस्वीर,
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राहुल गांधी की थार चलाते हुए फोटो,
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और तेजस्वी यादव के साथ अपनी बुलेट बाइक वाली तस्वीर।
इन तस्वीरों के साथ दुष्यंत ने कैप्शन लिखा —
“डीजीपी साहब, तो क्या ये भी बदमाश हैं?”
उनकी यह पोस्ट वायरल होते ही हरियाणा की राजनीति में गर्मी बढ़ गई।
कमेंट सेक्शन में छिड़ी डिजिटल जंग
पोस्ट के नीचे कमेंट्स में भी खूब बहस देखने को मिली।
कुछ लोगों ने डीजीपी के बयान को “साहसिक और ईमानदार” बताया, जबकि अन्य ने इसे “वर्गभेदी और गैर-जरूरी” करार दिया।
कई यूजर्स ने लिखा कि “थार और बुलेट गाड़ियां हरियाणा की संस्कृति और युवाओं के जोश का प्रतीक हैं, इन्हें अपराध से जोड़ना गलत है।”
वहीं कुछ लोग बोले — “डीजीपी ने जो कहा, वह हकीकत है, क्योंकि कई सड़क हादसे और स्टंट केस इन्हीं गाड़ियों से जुड़े पाए गए हैं।”
राजनीति में नया 'थार टर्निंग पॉइंट'
यह बयान अब सिर्फ एक पुलिस स्टेटमेंट नहीं रहा, बल्कि हरियाणा की राजनीति में “थार टर्निंग पॉइंट” बन गया है।
जहां पुलिस सुधार और अनुशासन की बात हो रही थी, वहीं अब पूरा फोकस डीजीपी के शब्दों पर केंद्रित हो गया है।
