Rashtra View – बिलासपुर:
श्री नयनादेवी मंदिर परिसर में बड़े स्तर पर पुनर्विकास कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है। दशकों पुराने भवनों को तोड़कर आधुनिक स्वरूप में पुन:निर्मित किया जाएगा। इससे मंदिर क्षेत्र पहले से अधिक खुला, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनकर उभरेगा।
ट्रस्ट ने पूरी योजना को अंतिम रूप देते हुए आवश्यक बजट स्वीकृत कर दिया है। पुनर्विकास के बाद परिसर में—
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मॉडर्न काउंटिंग रूम
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पूजा कक्ष
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मां नयना का शयन कक्ष
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नया टेंपल ऑफिस
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लिफ्ट हॉल
जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
🏗️ पुराने भवन का पुनर्निर्माण शुरू
मौजूदा भवन काफी पुराना और जर्जर हो चुका था। इसे तोड़कर लगभग 70 लाख रुपये की लागत से आधुनिक डिज़ाइन में पुन:निर्माण किया जाएगा।
भवन को पिछली ओर थोड़ा हटाकर बनाया जाएगा, जिससे मंदिर परिसर और अधिक खुला व व्यवस्थित दिखाई देगा।
♿ बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए लिफ्ट सुविधा
ट्रस्ट ने दिव्यांगों और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए 50 लाख रुपये की लागत से लिफ्ट लगाने का निर्णय लिया है।
यह लिफ्ट सीधे ट्रस्ट कार्यालय से उचित ऊँचाई पर बने कनेक्शन पॉइंट के माध्यम से मां नयना के मंदिर तक जाएगी।
इससे पर्वत पर चढ़ाई करने में कठिनाई महसूस करने वाले श्रद्धालुओं को बड़ा लाभ मिलेगा।
📢 अधिकारियों का बयान
मंदिर न्यास के अध्यक्ष एवं एसडीएम धर्मपाल चौधरी ने बताया:
“मंदिर परिसर को आधुनिक, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पुनर्विकास बेहद आवश्यक था। योजना को मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।”
उनके अनुसार नया परिसर 100% सुरक्षा निगरानी सक्षम और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।
🛡 सुरक्षा व्यवस्था हुई और मजबूत
मंदिर क्षेत्र में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर अब पूरी तरह सक्रिय है।
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कुल लागत: 1.30 करोड़ रुपये
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केंद्र सरकार का योगदान: 70 लाख रुपये
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परिसर से टोबा क्षेत्र तक 120 CCTV कैमरे लगाए जा चुके हैं
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ब्लैक स्पॉट की पहचान कर अतिरिक्त कैमरे भी जल्द लगाए जाएंगे
इन व्यवस्थाओं से मंदिर परिसर अब हाई-सिक्योरिटी जोन बन चुका है।
✨ पुनर्विकास के बाद क्या बदलेगा?
✔ अधिक खुला और व्यवस्थित परिसर
✔ श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएँ
✔ दिव्यांग-फ्रेंडली प्रवेश व्यवस्था
✔ मॉडर्न काउंटिंग रूम और श्रद्धा-कक्ष
✔ उन्नत सुरक्षा और 24×7 निगरानी
✔ लाखों श्रद्धालुओं के लिए बेहतर अनुभव
नयनादेवी मंदिर परिसर आने वाले समय में एक स्मार्ट, आधुनिक और पूर्णतः सुरक्षित तीर्थस्थल के रूप में सामने आएगा।


