यह था विवाद?
राहुल गांधी का यह कार्यक्रम अंबेडकर हॉस्टल में हुआ था, जिसकी प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। प्रशासन का कहना है कि छात्रावास में किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाती, लेकिन राहुल गांधी और उनके समर्थकों ने इसके बावजूद कार्यक्रम आयोजित किया। इस पर पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें राहुल गांधी को नामजद किया गया है।
एफआईआर की जानकारी
पहली एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 के उल्लंघन को लेकर दर्ज की गई है, जिसमें आरोप है कि राहुल गांधी और उनके समर्थकों ने निषेधाज्ञा के बावजूद सभा की और कानून व्यवस्था का उल्लंघन किया। दूसरी एफआईआर अंबेडकर कल्याण छात्रावास में बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर दर्ज की गई है।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत में कहा, "मेरे खिलाफ 30-32 केस हैं, ये सब मेरे लिए मेडल हैं। मैंने जातीय जनगणना की बात की थी और कहा था कि निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आरक्षण लागू किया जाना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य सामाजिक न्याय की दिशा में काम करना है।
राजनीतिक संदेश और जातीय जनगणना की मांग
राहुल गांधी ने अपने दौरे के दौरान कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दे उठाए, जैसे जातीय जनगणना की पूर्णता और पारदर्शिता, निजी संस्थानों में आरक्षण की अनिवार्यता, और SC-ST सब प्लान फंड का पारदर्शी उपयोग। उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि नीतीश कुमार सरकार ने SC-ST सब प्लान के तहत मिलने वाले फंड का सही उपयोग नहीं किया है, जो संविधान और सामाजिक न्याय के खिलाफ है।
बिहार में कांग्रेस की रणनीति
राहुल गांधी का यह दौरा बिहार में कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता को दर्शाता है। यह कांग्रेस और राजद की साझा रणनीति के तहत किया गया था, खासकर अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर। कांग्रेस जातीय जनगणना के मुद्दे को ज़मीन पर उतारने की तैयारी में है, जिससे यह चुनावी मुद्दा बने।
कांग्रेस का फोकस समाज सुधार पर
राहुल गांधी ने दरभंगा कार्यक्रम के बाद पटना में समाज सुधारकों ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म 'फुले' भी देखी। इस कार्यक्रम ने कांग्रेस के समावेशी शिक्षा और सामाजिक न्याय के प्रति अपने फोकस को और स्पष्ट किया।