शिमला, 26 जून 2025
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के हक की एक अहम लड़ाई की शुरुआत की है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की परियोजनाओं से राज्य को 12% मुफ्त बिजली (Free Power) दी जाए, जैसा कि अन्य केंद्रीय परियोजनाओं में होता है। उन्होंने इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री को औपचारिक पत्र भी भेजा है।
बीबीएमबी और हिमाचल का योगदान
मुख्यमंत्री का कहना है कि BBMB की 2800 मेगावाट से अधिक क्षमता वाली बिजली परियोजनाओं में हिमाचल की नदियों का पानी इस्तेमाल होता है। फिर भी राज्य को निर्धारित फ्री पावर हिस्सेदारी नहीं मिल रही है, जबकि यह राष्ट्रीय नीति के अनुसार ज़रूरी है।
“अगर NHPC, SJVN और NTPC जैसी कंपनियां 12% मुफ्त बिजली राज्य सरकारों को दे सकती हैं, तो BBMB को भी यही करना चाहिए,” — सीएम सुक्खू।
रॉयल्टी नीति और आत्मनिर्भर हिमाचल
राज्य सरकार की मांग है कि बिजली परियोजनाओं में:
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12%, 18% और 30% तक रॉयल्टी लागू हो
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40 साल के बाद प्रोजेक्ट राज्य को सौंप दिए जाएं
25 मेगावाट से ऊपर की परियोजनाओं पर यह नीति पहले से लागू है। अगर BBMB पर भी यह लागू होती है, तो मुख्यमंत्री के अनुसार हिमाचल को आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त हो सकती है।
कोर्ट में एरियर और किशाऊ बांध की स्थिति
बीबीएमबी एरियर के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने बताया कि:
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2011 में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल के हक की पुष्टि की थी।
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पंजाब और हरियाणा ने अब तक इसका भुगतान नहीं किया।
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जुलाई 2025 की सुनवाई से पहले इन राज्यों को हलफनामा देना जरूरी होगा।
जब तक ऐसा नहीं होता, हिमाचल सरकार किशाऊ बांध परियोजना में कोई अगली कार्रवाई नहीं करेगी, हालांकि निर्माण के प्रति उसकी सहमति बनी हुई है—बशर्ते बिजली निर्माण लागत केंद्र सरकार वहन करे।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री सुक्खू का यह कदम हिमाचल के अधिकारों की पुनः प्राप्ति की दिशा में एक सशक्त पहल है। राज्य में जल संसाधनों का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया जा रहा है, और ऐसे में हिमाचल को उसका न्यायसंगत हिस्सा मिलना चाहिए।
📌 Disclaimer: यह लेख सार्वजनिक बयान, समाचार रिपोर्ट और सरकारी स्रोतों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सूचना देना है, न कि किसी संस्था या राज्य के खिलाफ पूर्वाग्रह फैलाना।
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