Himachal News: 🎮 ऑनलाइन गेम के नाम पर साइबर ठगी, हिमाचल में 1 साल में 648 शिकायतें, करोड़ों की चपत

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शिमला (हिमाचल प्रदेश):

ऑनलाइन गेम्स के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधियों की गतिविधियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। प्रदेश में बीते एक साल में 648 से अधिक मामले केवल गेमिंग एप्स के माध्यम से लोगों को ठगने के सामने आए हैं। यह आंकड़ा हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगी के खतरनाक बढ़ते ट्रेंड को दर्शाता है।


🎰 कैसे फंसते हैं लोग?

साइबर ठग पहले लोगों को ऐसे गेमिंग ऐप्स पर आमंत्रित करते हैं जहां शुरू में कम राशि जीतने का लालच दिया जाता है। जब व्यक्ति भरोसा करने लगता है तो धीरे-धीरे उनसे बड़ी रकम निवेश करवा ली जाती है, जिसके बाद प्लेटफॉर्म अचानक काम करना बंद कर देता है या राशि निकलवाने की सुविधा हटा देता है।


शिमला साइबर सेल ने एक मामले में 95 लाख रुपये की धोखाधड़ी को उजागर किया है, जबकि नालागढ़ में एक और पीड़ित से 29.7 लाख रुपये की चपत लगाने का मामला सामने आया। हाल ही में की गई कार्रवाई में शिमला साइबर टीम ने 24.04 लाख रुपये रिकवर भी किए हैं।


🛡️ पुलिस की चेतावनी और अपील

DIG साइबर क्राइम मोहित चावला ने कहा कि इस तरह के मामलों में लोगों को बड़े मुनाफे का लालच देकर फंसाया जाता है। ये प्लेटफॉर्म भरोसेमंद नहीं होते, और इनका मुख्य उद्देश्य भोले-भाले नागरिकों से ठगी करना होता है।उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2024 में अब तक 648 शिकायतें केवल ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड से जुड़ी हुई दर्ज की गई हैं।


📢 साइबर सेल की एडवाइजरी:

  • अनजान या संदिग्ध गेमिंग ऐप्स से दूरी बनाएं।
  • सोशल मीडिया पर अजनबियों के साथ निजी जानकारी साझा न करें।
  • अगर धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, तो 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें या नजदीकी साइबर क्राइम थाने में संपर्क करें।

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