एसएएस नगर, पंजाब:
पंजाब सरकार द्वारा बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया, जिसके अंतर्गत तीन बच्चों को भीख मांगने से बचाया गया। यह अभियान सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर और डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के दिशा-निर्देशों पर जिला बाल संरक्षण विभाग द्वारा संचालित किया गया।
अभिभावकों को सख्त चेतावनी
जिला बाल संरक्षण अधिकारी नवप्रीत कौर ने जानकारी दी कि जिन बच्चों को बचाया गया, उनके अभिभावकों को सख्त चेतावनी दी गई है। उन्हें स्पष्ट रूप से अवगत कराया गया कि भविष्य में ऐसा कोई भी कार्य कानूनी रूप से दंडनीय होगा।
कानूनी प्रावधान: किशोर न्याय अधिनियम 2015
जिला अधिकारी ने बताया कि किशोर न्याय (बालकों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत किसी भी बच्चे को भीख मांगने के लिए मजबूर करना या उसका उपयोग करना दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम में बच्चों की देखभाल, उपचार, पुनर्वास और संरक्षण की स्पष्ट व्यवस्था है।
“बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और आगे भी ऐसे अभियान लगातार चलाए जाएंगे।” — डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल
समाज हित में निरंतर प्रयास जरूरी
पंजाब राज्य व्यापारी आयोग के सदस्य विनीत वर्मा, जिनकी पहल पर यह अभियान शुरू किया गया, ने कहा कि ऐसे प्रयासों को निरंतर बनाए रखना आवश्यक है ताकि बच्चों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन मिल सके।