📘 चंडीगढ़-हरियाणा न्यूज – हरियाणा सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत राज्य में संचालित निजी स्कूलों की दस्तावेज़ जांच का आदेश जारी किया है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक नया पोर्टल शुरू किया है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
🔍 दस्तावेज जांच के निर्देश
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (DEEO) को निर्देश दिए हैं कि वे पोर्टल पर अपलोड किए गए दस्तावेजों की जांच शुरू करें और 8 जून तक रिपोर्ट सौंपें। यह जांच सुनिश्चित करेगी कि सभी स्कूल RTE के दिशा-निर्देशों के अनुसार सही जानकारी साझा कर रहे हैं।
विशेष निर्देश दिए गए हैं कि:
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यदि किसी स्कूल में नर्सरी से कक्षाएं चल रही हैं लेकिन उन्होंने RTE पोर्टल पर पहली कक्षा से सीटें दिखाई हैं, तो यह नियम उल्लंघन माना जाएगा।
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ऐसे स्कूलों की अलग से सूची तैयार की जाएगी।
🏫 कौन से स्कूल होंगे अमान्य?
नए आदेशों के अनुसार, केवल वे स्कूल मान्य माने जाएंगे जिनके पास निम्नलिखित मान्यताएँ हैं:
✅ नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)
✅ टेम्परेरी या परमानेंट मान्यता
❌ सिर्फ एफिलेशन (Affiliation) या परमिशन पर चलने वाले स्कूल अवैध माने जाएंगे।
📊 आंकड़ों पर एक नजर
हर साल प्रदेश में करीब 1032 निजी स्कूलों को एक साल की अस्थायी मान्यता मिलती है:
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550 स्कूल टेम्परेरी मान्यता के अंतर्गत
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482 स्कूल केवल परमिशन बेस पर संचालित हो रहे हैं
अब इनमें से ऐसे 480 स्कूलों को अमान्य माना जाएगा जो केवल एफिलेशन या परमिशन के आधार पर चल रहे हैं।
✅ सरकार की पहल: पारदर्शी और उत्तरदायी शिक्षा तंत्र
इस पोर्टल और दस्तावेज जांच का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी बनाना और RTE के तहत गरीब बच्चों को न्यायपूर्ण शिक्षा का अधिकार देना है।
निष्कर्ष:
हरियाणा सरकार की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल अवैध रूप से संचालित स्कूलों पर लगाम लगेगी, बल्कि पात्र बच्चों को निशुल्क व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ भी मिल सकेगा।