हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में नशे की लत और अपराध ने एक पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया। एक मां ने अपने बेटे की जेल में होने के गम में दम तोड़ दिया, जबकि पति शराब के नशे में बेसुध रहा। इस हृदयविदारक घटना ने समाज के सामने नशे के कहर की गंभीरता को उजागर किया है।
चिट्टा तस्करी में सलाखों के पीछे था बेटा
घटना जिला मुख्यालय के नजदीकी एक मोहल्ले की है, जहां एक महिला अपने बेटे की गिरफ्तारी के बाद से लगातार मानसिक तनाव में जी रही थी। बेटे को एक वर्ष पहले ऊना में चिट्टा तस्करी के मामले में पकड़ा गया था। मां ने अपने बेटे को सुधारने की बहुत कोशिश की, लेकिन नशे की लत ने पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया।
नशे ने घर को अंधेरे में धकेला
महिला की मौत के बाद, उसके पति की हालत और भी खराब हो गई। वह नशे में इतना धुत था कि वह श्मशानघाट तक नहीं जा सका। 85 वर्षीय बुजुर्ग सास ने अंतिम संस्कार की सारी जिम्मेदारी निभाई। इस घटना ने समाज के सामने नशे के कहर की गंभीरता को उजागर किया है और लोगों को नशे के प्रति जागरूक करने की जरूरत को रेखांकित किया है।
निष्कर्ष
नशे की लत और अपराध ने इस परिवार को पूरी तरह बिखेर दिया। अब यह समाज और सरकार की जिम्मेदारी है कि वे नशे के खिलाफ लड़ाई में आगे आएं और लोगों को जागरूक करें। नशे के प्रति लोगों को जागरूक करने और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताने की जरूरत है, ताकि ऐसे हृदयविदारक मामलों को रोका जा सके।