राष्ट्र व्यू डेस्क | मोहाली समाचार
मोहाली नगर निगम क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों और कूड़ा इकट्ठा करने वाले वर्करों की जारी हड़ताल ने शहर की सफाई व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है। मोहल्लों, गलियों और सार्वजनिक स्थानों पर कूड़े के ढेर लग गए हैं, जिससे जनस्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ गए हैं।
नगर निगम और नेताओं में मतभेद, जनता परेशान
महापौर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू ने इस गंभीर स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह मामला नगर आयुक्त और कर्मचारियों के बीच का है, लेकिन जनहित को ध्यान में रखते हुए विधायक कुलवंत सिंह को स्वयं हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने बताया कि एडीसी, एएसपी और डीएसपी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है, लेकिन नगर आयुक्त पिछले दो दिनों से कार्यालय से अनुपस्थित हैं।
महापौर ने जानकारी दी कि एक तीन सदस्यीय समिति ने 3 जुलाई को समाधान के लिए लौटने का आश्वासन दिया है, लेकिन तब तक हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने तत्काल कार्रवाई की अपील की।
डिप्टी मेयर ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
उपमहापौर कुलजीत सिंह बेदी ने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस हड़ताल को समाप्त करने और नगर निगम को निश्चित डंपिंग साइट उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जीएमएडीए (GMADA) को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और कचरा प्रबंधन के लिए उचित भूमि आवंटित करनी चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए तो जनता सड़कों पर उतर सकती है और इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
विधायक का बयान और विवाद
विधायक कुलवंत सिंह ने मीडिया में दिए गए बयानों को लेकर महापौर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "वह सिर्फ मीडिया में बयान दे रहे हैं"। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि उन्हें इस मामले की जानकारी है और शीघ्र ही इसका समाधान निकाला जाएगा।
निष्कर्ष
मोहाली की स्वच्छता व्यवस्था पर मंडराता संकट अब राजनीतिक बयानबाज़ी और प्रशासनिक असहमति के बीच फंसा हुआ है। यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो यह संकट जनआंदोलन में बदल सकता है।
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