विभाग ने नहीं सुनी गुहार तो ग्रामीणों ने खुद बनाई टूटी सड़क
भारी बारिश से सुलियां-मयोठ-खाला सड़क क्षतिग्रस्त, 20 दिनों से बंद है बस सेवा
भारी बारिश ने जहां ग्रामीण जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं सरकारी विभाग की लापरवाही ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सुलियां-मयोठ-खाला मार्ग, जो चार गांवों के लिए मुख्य संपर्क सड़क है, हाल ही में लगातार बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे और भूस्खलन होने से इस मार्ग पर चलना बेहद कठिन हो गया है।
इस सड़क का उपयोग कोठी हरियाला, खैंदल खाला, मयोठ और आसपास के गांवों के लोग करते हैं। हालत इतनी खराब हो चुकी कि इस पर चलने वाली एचआरटीसी की एकमात्र बस सेवा पिछले 20 दिनों से बंद है। स्थानीय निवासी पवन कुमार ने बताया कि एक दिन बस सड़क के गहरे गड्ढे में फंस गई थी और उसका शीशा टूट गया। बड़ा हादसा टल गया, वरना बस खाई में गिर सकती थी।
बच्चों की पढ़ाई पर असर
इस मार्ग से प्रतिदिन लगभग 100 बच्चे टरवाड़, नयना देवी और स्वारघाट पढ़ाई के लिए आते-जाते हैं। बस सेवा ठप होने के कारण उन्हें अब 8 किलोमीटर लंबा और कीचड़ भरा रास्ता पैदल तय करना पड़ रहा है। इससे उनका काफी समय और ऊर्जा बर्बाद हो रही है, जिसका असर पढ़ाई पर पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने खुद संभाली कमान
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार शिकायत दर्ज करवाई, यहां तक कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1100 पर भी शिकायत भेजी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। आखिरकार ग्रामीणों ने खुद ही सड़क को ठीक करने का बीड़ा उठाया। करीब 50 लोगों ने मिलकर गड्ढों को पत्थरों से भरा ताकि लोगों को राहत मिल सके। इस कार्य में महिलाओं से लेकर बुजुर्ग और युवाओं तक सभी ने भाग लिया।
विभाग का क्या कहना है?
लोक निर्माण विभाग (PWD) के एसडीओ दिनेश गुप्ता ने बताया कि लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण सड़क को नुकसान पहुंचा है। विभाग की ओर से मरम्मत कार्य के लिए लेबर लगाई गई है और एक छोटा डंगा भी बनाया गया है। साथ ही, गड्ढों को भरने के लिए ग्रामीणों को पत्थर उपलब्ध करवाए गए हैं। विभाग का दावा है कि सड़क को जल्द ही फिर से बस योग्य बना दिया जाएगा।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग अस्थायी समाधान पर ही रुक जाता है। वे चाहते हैं कि इस सड़क की स्थायी और पक्की मरम्मत जल्द से जल्द हो, ताकि हर बार बारिश में यह समस्या न खड़ी हो।