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मेट्रो शहरों से भी ज्यादा खतरनाक निकली चंडीगढ़ की सड़कें, कम हादसों के बावजूद ज्यादा जानें गईं

Sumansorey
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 "सिटी ब्यूटीफुल" के नाम से मशहूर चंडीगढ़ में सड़क हादसों की संख्या देश के अन्य बड़े शहरों की तुलना में कम है, लेकिन जब भी कोई हादसा होता है तो उसके जानलेवा होने की संभावना कहीं ज्यादा रहती है। यह खुलासा हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा जारी रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया-2023 रिपोर्ट में हुआ है।

📊 रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत में दर्ज कुल सड़क हादसों में चंडीगढ़ का हिस्सा मात्र 0.22% रहा। लेकिन, दुर्घटना गंभीरता सूचकांक (Accident Severity Index) यहां 36.8 मौतें प्रति 100 हादसे दर्ज किया गया, जो देश के बड़े शहरों में सबसे ज्यादा है।

2023 में चंडीगढ़ में कुल 182 सड़क हादसे हुए, जबकि 2022 में यह संख्या 237 थी। हादसों में भले ही कमी आई हो, लेकिन इन 182 घटनाओं में से 67 लोगों की मौत हो गई और 171 लोग घायल हुए। यानी औसतन हर तीसरे हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई।

🔎 राष्ट्रीय औसत से भी खतरनाक

  • 50 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों का औसत गंभीरता सूचकांक: 21.3 मौतें प्रति 100 हादसे

  • ऑल इंडिया औसत: 36.0 मौतें प्रति 100 हादसे

  • चंडीगढ़: 36.8 मौतें प्रति 100 हादसे

इससे साफ है कि चंडीगढ़ का आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है।

🚦 विशेषज्ञों की राय

यातायात विशेषज्ञों का मानना है कि चंडीगढ़ में हादसों की गंभीरता ज्यादा होने की एक बड़ी वजह यहां की चौड़ी और सीधी सड़कें हैं। इन पर अक्सर वाहन चालक तेज रफ्तार में चलते हैं, जिसके कारण हादसा होते ही उसकी गंभीरता बढ़ जाती है।

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