चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी और अन्य कॉलेजों में छात्र राजनीति हमेशा से चर्चा में रही है। भाषण, लोकप्रियता और संगठन क्षमता के दम पर चुनाव जीतने वाले कई छात्र नेता आगे चलकर समाज की सेवा करने के बजाय अपराध की दुनिया का रास्ता चुन बैठे। यही वजह है कि आज कई कुख्यात गैंगस्टर कभी छात्र नेता रह चुके हैं।
🎓 छात्र राजनीति से अपराध की ओर
लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, संपत नेहरा और हरविंदर सिंह उर्फ़ रिंदा जैसे नाम कभी विश्वविद्यालय और कॉलेज कैंपस की राजनीति में सक्रिय थे। चुनावी भाषणों और छात्र समर्थन से लोकप्रियता पाने वाले ये युवा धीरे-धीरे हथियारों और गैंगवार की राह पर उतर गए।
⚠️ अपराध की दलदल में फंसे युवा
इनमें से कई पर हत्या, लूट, नशा तस्करी और रंगदारी जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं। पुलिस के अनुसार यह प्रवृत्ति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि छात्र राजनीति से जुड़े नेटवर्क गैंगस्टरों को आसानी से नए सदस्य और सहयोगी उपलब्ध कराते हैं।
🔍 सवाल खड़े करती यह हकीकत
कभी देशप्रेम और समाजसेवा की बातें करने वाले ये छात्र नेता अब अपराध के रास्ते पर क्यों भटक रहे हैं? यह सिर्फ पंजाब या चंडीगढ़ की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक गहरी चिंता का विषय बन चुका है।
🏫 मौजूदा हालात
एक बार फिर पंजाब यूनिवर्सिटी और विभिन्न कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव का माहौल बन रहा है। बावजूद इसके, इन गैंगस्टरों की परछाई अब भी कैंपस की राजनीति पर साफ दिखाई देती है। इससे साफ है कि छात्र राजनीति को अपराध से बचाना समय की सबसे बड़ी चुनौती है।