चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े कॉलेजों में छात्र राजनीति का माहौल गर्माने लगा है। आखिरकार शुक्रवार को आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी गई कि 3 सितंबर को छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान होगा। इसके साथ ही कैंपस और हॉस्टलों में हलचल और बढ़ गई है।
🗳️ आचार संहिता लागू – कार रैली पर रोक
निर्धारित तिथि तक चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी। चुनाव को शांतिपूर्ण माहौल में कराने के लिए प्रशासन और पुलिस ने कई पाबंदियां लगाई हैं। इस बार कार रैली पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की हिंसा, अभद्र भाषा, नारेबाजी, हथियारों का प्रदर्शन, पटाखों का इस्तेमाल और ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले उपकरणों पर पूरी तरह रोक रहेगी। अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
👮 पुलिस और प्रशासन की तैयारी
चंडीगढ़ पुलिस और प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं ताकि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न हो सकें। अधिकारियों ने छात्र संगठनों से अपील की है कि वे आचार संहिता का पालन करें और अपने समर्थकों को भी शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए प्रेरित करें।
⚡ पुसू अध्यक्ष ने तीन नेताओं को किया निष्कासित
चुनावी माहौल के बीच पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (PUSU) में भी बड़ा बदलाव हुआ है।
पुसू अध्यक्ष भूपिंदर सिंह ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में तीन पदाधिकारियों – अध्यक्ष बब्बल चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष आकाशदीप सिंगला और चेयरमैन यशन शर्मा – को संगठन से निष्कासित कर दिया।
भूपिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि इन नेताओं की एंट्री यूनिवर्सिटी के “सेटिंग ग्रुप” की साजिश थी, जिसका उद्देश्य क्रॉस वोटिंग को प्रभावित करना और बाहरी राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ाना था। उन्होंने साफ कहा कि पुसू छात्र हितों और यूनियन की स्वतंत्रता से किसी तरह का समझौता नहीं करेगी।
🎓 चुनावी माहौल गर्म
जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, कैंपस की राजनीति और तेज होती जा रही है। छात्र संगठन अपने-अपने तरीके से छात्रों को जोड़ने की कोशिशों में जुट गए हैं। देखना होगा कि इस बार किस छात्र संगठन का पलड़ा भारी पड़ता है।