हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ऊना जिले की हुम्म खड्ड में चल रही खनन गतिविधियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए अगले आदेश तक पूर्ण रोक लगा दी है। अदालत ने इसे न केवल नियमों का उल्लंघन माना बल्कि इसे पर्यावरण और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी बताया।
रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट की कार्रवाई
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना के सचिव की ओर से पेश रिपोर्ट के आधार पर दिया।
रिपोर्ट में बताया गया कि खड्ड में खनन की गहराई कई स्थानों पर 30 मीटर तक पहुंच चुकी है, जबकि अनुमति केवल 2 से 3 मीटर तक ही दी जाती है। साथ ही तस्वीरों के जरिए अवैध खनन की स्थिति को उजागर किया गया।
पर्यावरण और सुरक्षा पर चिंता
कोर्ट ने टिप्पणी की कि खड्ड की गहराई निर्धारित सीमा से 10 गुना अधिक होना बेहद चिंताजनक है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि बरसात के मौसम में हादसों का खतरा और बढ़ गया है। अदालत ने इसे तुरंत रोकना आवश्यक बताया।
अगली सुनवाई और प्रशासन को आदेश
कोर्ट ने ऊना के उपायुक्त और खनन अधिकारी को आदेश दिया है कि वे अगली सुनवाई तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करें। इस मामले की सुनवाई अब 1 सितंबर को होगी।
गौरतलब है कि अवैध खनन को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और कार्रवाई शुरू की थी।