पंजाब में साइबर अपराध का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने पंजाब अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (PUDA) के प्रिंसिपल सेक्रेटरी विकास गर्ग के पिता डॉ. जगदीश चंद्र गर्ग को चार दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखकर उनकी पेंशन से 58.50 लाख रुपये ठग लिए।
🚨 ऐसे हुई ठगी
अपराधियों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर डॉ. गर्ग से संपर्क किया। उन्होंने जाली पहचान पत्र (Fake ID Card) दिखाए और यह धमकी दी कि उनके घर पर 24 घंटे निगरानी की जा रही है। डर और दबाव के माहौल में उन्हें ऑनलाइन निर्देशों का पालन करने पर मजबूर किया गया और धीरे-धीरे उनकी भारी-भरकम रकम खातों से निकाल ली गई।
⚠️ डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) साइबर ठगी का एक नया तरीका है। इसमें अपराधी खुद को पुलिस या एजेंसी का अधिकारी बताकर पीड़ित को मानसिक दबाव में रखते हैं। वे वीडियो कॉल या ऑनलाइन चैट के जरिए कहते हैं कि पीड़ित को कहीं जाने की इजाज़त नहीं है और लगातार निगरानी की जा रही है। इसी डर में लोग उनकी मांग पूरी करते रहते हैं।
📌 मामला गंभीर क्यों?
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पीड़ित एक वरिष्ठ नागरिक और रिटायर्ड अधिकारी हैं।
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ठगों ने 4 दिन तक लगातार डर का माहौल बनाया।
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इस घटना ने लोगों में साइबर अपराधियों की नई चालों को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
👮 पुलिस और प्रशासन की अपील
मामले की जांच साइबर क्राइम पुलिस ने शुरू कर दी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल या व्यक्ति पर भरोसा न करें और CBI, पुलिस या बैंक अधिकारी बनकर आए किसी भी कॉल को तुरंत सत्यापित करें।