हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने रावी नदी को उफान पर ला दिया है। 26 अगस्त 2025 को आई अचानक बाढ़ (Flash Floods) ने कांगड़ा और चंबा जिलों में भारी तबाही मचाई। सबसे ज़्यादा असर कांगड़ा जिले के दूरस्थ गांव बड़ा भंगल में देखने को मिला, जहां 300 से अधिक ग्रामीण और लगभग 150 चरवाहे अपने मवेशियों सहित फंसे हुए हैं।
🚨 बाढ़ से तबाही और गांव का संपर्क टूटा
रावी नदी के उफान में गांव का पंचायत घर, प्राथमिक और उच्च विद्यालय, आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी, राशन स्टोर और दो बड़े पुल बह गए। बाढ़ का पानी आवश्यक राशन और दवाइयाँ भी बहा ले गया। सरपंच मानसा राम भंगालिया ने उपायुक्त कांगड़ा को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि गांव “आसन्न खतरे” में है क्योंकि नदी ने पांच किलोमीटर लंबी ज़मीन को काट दिया है और अपना रास्ता बदल लिया है।
🛑 पूरी तरह अलग-थलग हुआ बड़ा भंगल
बड़ा भंगल गांव धौलाधार और पीर पंजाल पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है। यहां तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता थामसर और कालीहानी दर्रे से होकर है, लेकिन बाढ़ और भूस्खलन के कारण यह मार्ग पूरी तरह बंद हो चुका है। अब गांव का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रह गया है।
यह गांव गद्दी समुदाय का बसेरा है, जो हिमालयी क्षेत्रों में अपने पारंपरिक चरवाहा जीवन और पशुपालन के लिए प्रसिद्ध है। सामान्य दिनों में भी यहां तक पहुंचने में तीन दिन का पैदल सफर तय करना पड़ता है और सर्दियों में यह इलाका छह महीने तक बर्फ से ढका रहता है।