देश की राजनीति में एक बार फिर से चुनाव आयोग (Election Commission) की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में वोट डिलीशन (Vote Deletion) और कथित धांधली का मुद्दा उठाते हुए सीधे मुख्य चुनाव आयुक्त को जिम्मेदार ठहराया है।
राहुल गांधी के इस बयान का समर्थन करते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने तीखा हमला बोला। वारिंग ने आरोप लगाया कि “100% देश का इलेक्शन कमीशन भाजपा के साथ मिला हुआ है।”
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने बीते चुनावों—जिनमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और लोकसभा चुनाव शामिल हैं—में बड़े पैमाने पर वोट चोरी का काम किया है।
हालांकि, चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह निराधार और बिना सबूत के बताया है। आयोग का कहना है कि सभी चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से कराए जाते हैं, और इस तरह के आरोप सिर्फ जनता को गुमराह करने वाले हैं।
राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़
कांग्रेस के इन आरोपों के बाद सियासी बयानबाज़ी और तेज़ हो गई है। भाजपा की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस चुनावी हार को छिपाने के लिए निराधार दावे कर रही है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने और फर्जी वोटिंग जैसी घटनाओं की गहन जांच ज़रूरी है।
निष्कर्ष
चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठने से देश की राजनीति में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में यह मुद्दा विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच बड़ा चुनावी हथियार बन सकता है।