शिमला ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। बिलासपुर जिले के कोट जंगल में रविवार शाम को हुए भूस्खलन में एक बुजुर्ग चरवाहे की मौत हो गई। मृतक की पहचान गांव कोट निवासी पुरुषोत्तम (65 वर्ष) के रूप में हुई है। वह जंगल में बकरियां चरा रहे थे, तभी अचानक मलबा गिरने से हादसा हो गया।
स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें मलबे से बाहर निकाला गया और तुरंत एम्स बिलासपुर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
प्रदेश में रविवार रात से ही कई इलाकों में हल्की बारिश दर्ज की गई। सोमवार सुबह मौसम साफ रहा लेकिन दोपहर बाद बादल छा गए और शिमला समेत कुछ क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हुई। शाम को शिमला शहर घने कोहरे की चपेट में आ गया।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मंगलवार को प्रदेश में धूप खिलने की संभावना है। हालांकि, 24 और 25 सितंबर को कुछ इलाकों में बारिश होने का अनुमान है। वहीं, पंजाब के कई हिस्सों से मानसून वापसी कर चुका है लेकिन हिमाचल से मानसून की विदाई में 1-2 दिन और लग सकते हैं। सामान्यतः प्रदेश में मानसून 25 सितंबर तक लौट जाता है।
बंद सड़कें और नुकसान का आकलन
प्रदेश में इस समय दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 354 सड़कें बंद हैं। 68 बिजली ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं जिससे कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित है। वहीं, 100 से अधिक पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं।
बरसात के इस सीजन में अब तक प्रदेश को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष बारिश से 4,861 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। अब तक 261 लोगों की मौत बाढ़, भूस्खलन और अन्य कारणों से हो चुकी है। वहीं, 1,711 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं और 7,396 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।