नेपाल इस समय भारी राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में हालात बेकाबू हैं। मंगलवार (9 सितंबर) को Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकारी इमारतों, बड़े राजनीतिक दलों के दफ्तरों और पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों व कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया।
हिंसा से हालात और बिगड़े
यह हिंसा उस गोलीकांड के अगले दिन हुई, जिसमें काठमांडू में 19 युवाओं की मौत पुलिस फायरिंग में हो गई थी। इसके बाद राजधानी पूरी तरह आग की लपटों में घिर गई और देश में शासन का संकट गहराने लगा।
पीएम ओली का इस्तीफ़ा और राष्ट्रपति गायब
तेज़ी से बिगड़ते हालात के बीच प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफ़ा दे दिया। वहीं, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को सेना की सुरक्षा में अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है। इससे नेपाल में नेतृत्व का संकट और गहरा हो गया है।
मंत्रियों और नेताओं पर हमले
प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतरकर कई मंत्रियों और राजनेताओं पर हमला किया। कई घायल भी हुए। हालात इतने गंभीर थे कि सेना को हेलीकॉप्टर से ओली मंत्रिमंडल के सदस्यों और अन्य नेताओं को सुरक्षित निकालना पड़ा।