लेह, राष्ट्र व्यू।
लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार लागू करने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों के बीच शुक्रवार को प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इन हिंसक प्रदर्शनों में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और 90 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
गिरफ्तारी और जोधपुर स्थानांतरण
लद्दाख पुलिस प्रमुख एस. डी. सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस दल ने दोपहर करीब ढाई बजे सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया और बाद में उन्हें राजस्थान के जोधपुर कारागार भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार, उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है, हालांकि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सुरक्षा कारणों से लेह क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
आंदोलन और सरकार का रुख
सोनम वांगचुक लंबे समय से ‘लेह एपेक्स बॉडी (LAB)’ और ‘कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA)’ के साथ मिलकर लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा और राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। केंद्र सरकार ने हालिया हिंसा के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन वांगचुक ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। उनका कहना है कि—
“बलि का बकरा बनाने से समस्या का समाधान नहीं होगा।”
एफसीआरए लाइसेंस रद्द
गौरतलब है कि उनकी गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने उनके संगठन ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ का FCRA (विदेशी चंदा नियमन अधिनियम) लाइसेंस रद्द कर दिया था। मंत्रालय ने इसके पीछे वित्तीय अनियमितताओं और “राष्ट्रीय हित के खिलाफ गतिविधियों” को कारण बताया था