नेपाल की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। सत्ता संकट और हिंसा के बीच अब सवाल यह है कि देश की बागडोर कौन संभालेगा। इसी बीच Gen-Z आंदोलनकारियों ने एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की, जिसमें 5,000 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। इस वर्चुअल सभा में सबसे ज़्यादा समर्थन पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के पक्ष में देखने को मिला।
भ्रष्टाचार विरोधी सख्त छवि
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। वे अपने भ्रष्टाचार विरोधी सख्त रुख और निष्पक्ष फैसलों के लिए जानी जाती हैं। उनकी नियुक्ति को नेपाल में महिलाओं की संवैधानिक बराबरी की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना गया था।
बालेन शाह पर युवाओं की नाराज़गी
दिलचस्प बात यह रही कि काठमांडू के मेयर बालेन शाह, जिन्हें अब तक Gen-Z का पोस्टर लीडर माना जाता था, उन्होंने युवाओं की अपील पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। एक प्रतिनिधि ने बताया कि,
“बालेन शाह ने हमारी कॉल तक रिसीव नहीं की। इसके बाद चर्चा अन्य नामों पर चली गई और सबसे अधिक समर्थन सुशीला कार्की को मिला।”
नेपाल में बदलता समीकरण
युवाओं का यह रुख नेपाल की राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकता है। भ्रष्टाचार और अस्थिरता से जूझ रहे नेपाल में अगर सुशीला कार्की जैसी शख्सियत को समर्थन मिलता है, तो यह देश के भविष्य के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।