Rashtra View Updates | सराज, हिमाचल प्रदेश
सराज विधानसभा क्षेत्र के लोगों की समस्याएं अभी भी जस की तस बनी हुई हैं। आपदा को 70 दिन से अधिक समय बीत चुका है, फिर भी थुनाग-जैंशला-केलटी सड़क आज तक बहाल नहीं हो पाई है। सड़क बंद होने से हजारों की आबादी आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजमर्रा की जरूरतों से जूझ रही है। निर्माण विभाग ने एक जेसीबी मशीन सड़क खोलने के लिए लगाई तो है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अतिरिक्त मशीनों की आवश्यकता है ताकि काम तेज़ी से पूरा हो सके।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क बंद रहने के कारण स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्रों को परेशानी हो रही है, जबकि बीमार मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे। व्यापारी आवश्यक सामान और राशन लाने में कठिनाई झेल रहे हैं। साथ ही, सेब और मक्की जैसी फसलें बाजार तक नहीं पहुंच पा रही हैं और बर्बादी की कगार पर हैं।
ग्रामीणों ने विभाग और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि आपदा को ढाई महीने से अधिक समय हो गया, फिर भी सड़क खोलने का काम सुस्त है। अधिकारी कागजों में रिपोर्ट भेज रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि गांव आज भी कटे पड़े हैं। स्थानीय ग्रामीण गिरिराज, इंद्रदेव, भगत सिंह, दुनीचंद, हुकुमचंद, हरीश कुमार, शेर सिंह आदि ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
✅ कांढ़ा पंचायत में बिजली और नेटवर्क ठप
सराज क्षेत्र की ग्राम पंचायत कांढ़ा में बिजली और नेटवर्क सेवा पूरी तरह ठप हो गई है। 26 घर पूरी तरह और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, सैकड़ों बीघा जमीन बर्बाद हो चुकी है और सेब, टमाटर, मक्की जैसी फसलें तबाह हो चुकी हैं। हजारों पेटियां सेब सड़ रही हैं। हिमाचल किसान सभा लोकल कमेटी बालीचौकी ने महेंद्र राणा की अध्यक्षता में दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। सभा ने सरकार से तत्काल राहत प्रदान करने की मांग की है। 15 सितंबर को एसडीएम बालीचौकी को आपदा मांग पत्र सौंपा जाएगा। यदि कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे।
✅ Conclusion – Stay Updated
सराज क्षेत्र में बिगड़ती स्थिति पर सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करना बेहद जरूरी है। हमारी टीम लगातार इस संकट पर नज़र बनाए हुए है। आप भी जुड़े रहें और हर नई जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।