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🪔 भैया दूज 2025: कब है तिलक का शुभ मुहूर्त? जानें पूजा विधि और महत्व

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Rashtra View | Festive Update

भैया दूज का पावन त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के पवित्र बंधन का प्रतीक है। यह पर्व दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाता है और इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहनों को स्नेह और सुरक्षा का वचन देते हैं।


📅 भैया दूज 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त

जवाली के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित विपन शर्मा के अनुसार, इस वर्ष भैया दूज का पर्व 23 अक्तूबर 2025, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।
द्वितीया तिथि का आरंभ 22 अक्तूबर की रात 8:16 बजे से होगा और यह 23 अक्तूबर की रात 10:46 बजे तक रहेगी।

इस प्रकार, 23 अक्तूबर को तिलक और पूजा करना सबसे शुभ रहेगा।

🕐 भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त:
दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक (कुल 2 घंटे 15 मिनट)


🙏 भैया दूज पूजा विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। यदि संभव हो तो यमुना नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है।

  2. स्नान के बाद भगवान गणेश और यमराज की पूजा करें।

  3. भाई को पूर्व या उत्तर दिशा में बिठाएं।

  4. उसके सिर पर रुमाल रखें और रोली व अक्षत (चावल) से तिलक करें।

  5. भाई के हाथ में कलावा बांधें, मिठाई खिलाएं और दीप जलाकर उसकी आरती करें।

  6. अंत में भाई अपनी बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लें।


🌼 भैया दूज का पौराणिक महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्यदेव की पुत्री यमुना अपने भाई यमराज से बहुत प्रेम करती थीं। वह अक्सर उन्हें भोजन के लिए आमंत्रित करती थीं, परंतु यमराज अपने कार्यों में व्यस्त रहने के कारण नहीं जा पाते थे।

एक दिन यमराज स्वयं यमुना के घर पहुंचे। यमुना ने उनका स्वागत किया, माथे पर तिलक लगाया और प्रेमपूर्वक भोजन कराया। प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया कि —

“जो भी बहन इस दिन अपने भाई का तिलक करेगी, उसके भाई की आयु लंबी होगी और वह अकाल मृत्यु से बचेगा।”

तभी से भैया दूज का पर्व मनाने की परंपरा प्रारंभ हुई।


💫 राष्ट्र व्यू की राय

भैया दूज केवल एक पारंपरिक पर्व नहीं, बल्कि भाई-बहन के विश्वास, प्रेम और साथ के रिश्ते का उत्सव है। इस दिन परिवार में आपसी एकता और स्नेह का वातावरण सबसे सुंदर रूप में झलकता है।

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