कभी अपनी खूबसूरती और साफ-सुथरे माहौल के लिए मशहूर ‘सिटी ब्यूटीफुल’ चंडीगढ़ आज गंदगी और बदइंतजामी की समस्या से जूझ रहा है।
शहर की सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे और पानी के टोए, पार्कों में मलबा और सूखे पेड़ों की शाखाएं, तथा सेक्टरों में सफाई की कमी देखने को मिल रही है।
🚮 सफाई व्यवस्था पर उठे सवाल
रिहायशी इलाकों की सफाई नियमित रूप से नहीं की जा रही है, जिससे शहर की छवि पर असर पड़ रहा है।
फेडरेशन ऑफ सेक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशंस चंडीगढ़ (FOSWAC) ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और नगर निगम के मुख्य अभियंता को एक विस्तृत पत्र लिखा है।
इस पत्र में शहर के विभिन्न सेक्टरों की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि—
“सड़कों पर पड़े गड्ढों, बिना छंटे पेड़ों, पार्कों में फैले मलबे और कचरा न उठाए जाने जैसी समस्याओं को जल्द ठीक किया जाए।”
🌳 पार्कों की हालत भी चिंताजनक
FOSWAC के मुताबिक, शहर के कई पार्कों की हालत लगातार खराब होती जा रही है।
रिहायशी वेलफेयर एसोसिएशनों (RWAs) को पिछले नौ महीनों से भुगतान नहीं किया गया, जिसके कारण सफाई और रखरखाव कार्य प्रभावित हुए हैं।
कभी हरियाली और स्वच्छता के लिए मशहूर पार्क अब बदहाल नज़र आने लगे हैं।
⚙️ ‘सिटी ब्यूटीफुल’ की पहचान बचाने की अपील
FOSWAC ने नगर निगम प्रशासन से अपील की है कि चंडीगढ़ की सुंदरता को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
फेडरेशन का कहना है कि सभी विभागों को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सफाई व्यवस्था, सड़क मरम्मत और पार्कों की देखभाल नियमित रूप से की जाए, ताकि शहर की पहचान फिर से निखर सके।
🏙️ जनता की उम्मीदें
चंडीगढ़ के निवासियों का कहना है कि शहर को उसकी पुरानी पहचान वापस दिलाने के लिए प्रशासन को जमीनी स्तर पर काम करना होगा।
नागरिकों का मानना है कि अगर नियमित सफाई, गड्ढों की मरम्मत और हरियाली पर ध्यान दिया जाए, तो “सिटी ब्यूटीफुल” फिर से अपनी चमक हासिल कर सकता है।
🌟 निष्कर्ष
चंडीगढ़ की सुंदरता उसकी पहचान है, और इसे बनाए रखना प्रशासन और नागरिकों — दोनों की ज़िम्मेदारी है।
उम्मीद की जा रही है कि संबंधित विभाग जल्द ही आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि “सिटी ब्यूटीफुल” फिर से अपने नाम के अनुरूप दिखाई दे।