⚖️ हाईकोर्ट ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया
चंडीगढ़। बच्चों को यौन अपराध और अन्य अपराधों से बचाने के लिए बनाए गए POCSO एक्ट के प्रभावी पालन में कमी को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई।
हाईकोर्ट ने बच्चों से जुड़े संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों की नियमित पुलिस वेरिफिकेशन और उनके बैकग्राउंड की जांच कराने की मांग पर यूटी प्रशासन और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। इससे पहले केंद्र और पंजाब सरकार को भी इस संबंध में नोटिस जारी किया जा चुका है।
👨⚖️ याचिकाकर्ता का कहना
मोहाली निवासी कुंवर पाहुल सिंह ने याचिका में बताया कि POCSO एक्ट का उद्देश्य बच्चों को अपराधों से बचाना और उनके प्रति जागरूक करना है। इसके तहत बच्चों के सिलेबस में जागरूकता शामिल होनी चाहिए और स्कूल, प्ले स्कूल आदि में कार्यरत कर्मचारियों की पुलिस वेरिफिकेशन और बैकग्राउंड जांच अनिवार्य हो।
याचिकाकर्ता ने पिछले दो साल में बच्चों के खिलाफ हुए दुष्कर्म के मामलों की समाचार सामग्री भी याचिका में संलग्न की है। उन्होंने कहा कि यदि अपराधी प्रवृत्ति वाले लोगों की पहचान पहले ही कर ली जाए तो बच्चों को होने वाले अपराधों से बचाया जा सकता है।
📌 हाईकोर्ट का निर्देश
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
🛡️ निष्कर्ष
इस कदम से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि बच्चों की सुरक्षा राज्य की प्राथमिकता में शामिल है। सख्त और नियमित वेरिफिकेशन से न केवल बच्चों को यौन अपराधों से बचाया जा सकता है बल्कि उनके भविष्य को सुरक्षित बनाना भी संभव है।
