बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश): हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार देर रात एक भीषण भूस्खलन (landslide) की चपेट में आई बस दुर्घटना में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, हादसे के समय बस में 20 से 25 यात्री सवार थे। यह बस एक पहाड़ी मार्ग से गुजर रही थी, तभी अचानक भारी मलबा और पत्थर गिरने से वह उसकी चपेट में आ गई।
💥 हादसे का विवरण
यह हादसा तब हुआ जब लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण पहाड़ का एक हिस्सा कमजोर होकर बस पर गिर पड़ा।
पुलिस के मुताबिक, 9 पुरुष, 4 महिलाएं और 2 बच्चे इस दर्दनाक हादसे में अपनी जान गंवा बैठे।
मलबे में फंसे कई यात्रियों को बड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया।
तीन गंभीर रूप से घायल बच्चों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
🚨 बचाव अभियान जारी
राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
स्थानीय पुलिस, SDRF और फायर विभाग की टीमें मौके पर मौजूद हैं।
अभी भी कुछ यात्रियों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
लगातार हो रही बारिश और फिसलन भरे रास्ते बचाव कार्य में बड़ी चुनौती बन रहे हैं।
🏔️ भूस्खलन से बिगड़ी स्थिति
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में सोमवार से लगातार बारिश हो रही है, जिससे पहाड़ी ढलान अस्थिर हो गए हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे पर्वतीय मार्गों पर अनावश्यक यात्रा से बचें।
🙏 राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि —
“यह दुर्घटना अत्यंत दुखद है। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।”
🌧️ मुख्यमंत्री सुक्खू ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को बचाव अभियान में तेजी लाने और घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि सरकार हर संभव मदद करेगी।
🕯️ जनजीवन पर असर
बारिश और भूस्खलन की वजह से कई सड़कें बंद हैं, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर अक्सर भूस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन सुरक्षा इंतज़ामों की कमी के कारण ऐसी त्रासदियां टाली नहीं जा रही हैं।
🗣️ निष्कर्ष
हिमाचल का यह हादसा फिर से यह याद दिलाता है कि पहाड़ी इलाकों में मानसूनी मौसम में यात्रा बेहद जोखिम भरी हो सकती है।
प्रशासन बचाव कार्य में जुटा है, लेकिन इस त्रासदी ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और पुनर्वास का पूरा सहयोग दिया जाएगा।