हिमाचल प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार और नवाचार की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने जानकारी दी कि अब राज्य के युवाओं को स्टार्टअप के माध्यम से 5 लाख रुपये तक की फंडिंग दी जाएगी।
राजेश धर्माणी ने यह घोषणा हिमुडा (HIMUDA) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए की। उन्होंने कहा कि हिमुडा स्टार्टअप एंड स्टूडेंट इनोवेशन पॉलिसी के तहत यह योजना लागू की जा रही है, जिसके लिए 25 लाख रुपये का वार्षिक स्टार्टअप फंड निर्धारित किया गया है।
💡 युवा नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम
मंत्री धर्माणी ने बताया कि इस नीति का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में नवाचार और स्टार्टअप को मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना है।
उन्होंने कहा —
“इस कदम से न केवल राज्य में आर्थिक विकास को गति मिलेगी, बल्कि नए रोजगार अवसर भी पैदा होंगे। यह नीति हिमाचल में एक जीवंत स्टार्टअप ईकोसिस्टम को आकार देगी।”
🏗️ सतत और सुनियोजित विकास की दिशा में काम
राजेश धर्माणी ने कहा कि राज्य सरकार सतत विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है।
उन्होंने हिमुडा अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी चल रही परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए।
🌄 पर्यटन और आईटी सेक्टर पर भी फोकस
मंत्री ने बताया कि हिमाचल में पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए कांगड़ा के नरघोटा में “टूरिज्म विलेज” विकसित किया जाएगा।
इसके अलावा, आध्यात्मिक नगर परियोजनाओं की संभावनाएं भी तलाशने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य को सूचना प्रौद्योगिकी (IT) हब के रूप में विकसित करने के लिए आईटी टाउनशिप प्रोजेक्ट्स पर भी काम शुरू किया जाएगा।
📌 मुख्य बिंदु
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हिमुडा की नई नीति के तहत युवाओं को 5 लाख रुपये तक की फंडिंग मिलेगी।
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हर साल 25 लाख रुपये का स्टार्टअप फंड निर्धारित किया गया है।
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नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने का उद्देश्य।
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पर्यटन और आईटी सेक्टर में नई परियोजनाएं शुरू होंगी।
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हिमाचल को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त राज्य बनाने की दिशा में कदम।
