पंजाब के तरणतारण विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। भारतीय चुनाव आयोग ने बताया कि इस सीट पर 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 14 नवंबर को मतगणना की जाएगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है।
यह सीट करीब तीन महीने पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद खाली हुई थी।
🔹 चारों प्रमुख दल मैदान में
तरणतारण उपचुनाव में पंजाब की चारों प्रमुख पार्टियाँ — कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिअद (अकाली दल) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) — पूरी ताकत से मैदान में उतर चुकी हैं।
सभी दलों ने चुनाव आयोग की घोषणा से पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी।
🔸 AAP ने फिर दिया “मौकाप्रस्त” को टिकट
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले हफ्ते हरमीत संधू को AAP उम्मीदवार घोषित किया।
हरमीत संधू पहले अकाली दल में थे और हाल ही में उन्होंने पार्टी छोड़कर AAP का दामन थामा है।
आम आदमी पार्टी ने 2022 विधानसभा चुनाव में 117 में से 92 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया था।
उपचुनावों में पार्टी ने अक्सर दूसरे दलों के नेताओं को शामिल करके टिकट देने की रणनीति अपनाई है।
तरणतारण से पहले, AAP पंजाब में तीन उपचुनाव जीत चुकी है।
🔸 कांग्रेस ने किया स्थानीय नेता पर भरोसा
कांग्रेस ने इस सीट से करणबीर सिंह बुरज को उम्मीदवार बनाया है।
बुरज कांग्रेस किसान सेल के उपाध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी के वरिष्ठ जिला नेता हैं।
उन्होंने लंबे समय से इलाके के किसानों के मुद्दे और स्थानीय विकास पर सक्रिय भूमिका निभाई है।
कांग्रेस का मानना है कि स्थानीय चेहरा मैदान में उतारना चुनाव में फायदेमंद रहेगा।
🔸 भाजपा ने उतारा पूर्व अकाली नेता
भाजपा ने हरजीत सिंह संधू को टिकट दिया है, जो पहले शिअद यूथ विंग से जुड़े हुए थे।
वे 2022 से भाजपा तरणतारण जिला अध्यक्ष हैं और क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।
हरजीत संधू ने 2007 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और 2022 चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए।
भाजपा को उम्मीद है कि उनके संगठनात्मक अनुभव से पार्टी को इस उपचुनाव में लाभ मिलेगा।
🔸 अकाली दल भी तैयार
शिअद (अकाली दल) ने भी अपने उम्मीदवार की घोषणा की है और चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से जुट गया है।
पार्टी इस उपचुनाव को अपनी खोई हुई पकड़ वापस लाने के अवसर के रूप में देख रही है।
⚖️ कड़ी टक्कर की उम्मीद
तरणतारण उपचुनाव पंजाब की सियासत के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
चारों दलों के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला बेहद दिलचस्प और कड़ा होने की संभावना है।
अब देखना यह होगा कि 11 नवंबर को मतदाता किसे चुनते हैं और 14 नवंबर को किसके सिर जीत का सेहरा बंधता है।