Rashtra View | Uttar Pradesh Desk
कानपुर के चर्चित पुलिस अधिकारी और कभी अपराधियों के बीच खौफ का दूसरा नाम रहे डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला आज खुद गंभीर आरोपों की जांच का सामना कर रहे हैं। सतर्कता (विजिलेंस) विभाग उनकी संपत्ति और कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है। शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया है और एसआईटी की रिपोर्ट के बाद मामला सुर्खियों में है।
मगर डीएसपी शुक्ला ने आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि वह विजिलेंस जांच में पूरा सहयोग करेंगे और जल्द ही सच सामने आएगा।
🔍 क्या हैं आरोप?
एसआईटी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि—
-
डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने 100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति अर्जित की
-
जेल में बंद एक वकील से सांठगांठ का शक
-
आय से अधिक संपत्ति का मामला जांच के दायरे में
डीएसपी शुक्ला का कहना है कि यह पूरी तरह झूठ और बदले की कार्रवाई है।
🗣️ “मेरे खिलाफ साजिश, मैंने बड़े गैंग्स की कमर तोड़ी है” — शुक्ला
लोकल मीडिया से विशेष बातचीत में ऋषिकांत शुक्ला ने कहा:
“जिन अपराधियों के खिलाफ मैंने कार्रवाई की, वही लोग आज ये सब करवाने की कोशिश कर रहे हैं। मेरी पूरी संपत्ति 15 साल की नौकरी और वैध आय से जुड़ी है। कुछ भी अवैध नहीं है।”
उन्होंने बताया कि—
-
वे एसआईटी को लिखित जवाब भेज चुके हैं
-
जांच प्रक्रियाओं में पूरा सहयोग कर रहे हैं
-
कोर्ट और जांच से ही सच्चाई सामने आएगी
⚔️ कभी UP पुलिस के ‘सुपर कॉप’ रहे शुक्ला
ऋषिकांत शुक्ला उन गिने–चुने अधिकारियों में माने जाते हैं जिन्होंने—
-
25 से अधिक खूंखार अपराधियों पर कार्रवाई की
-
कई बड़े गैंग्स का सफाया किया
-
डी-2 गैंग के मुख्य आरोपी को कोलकाता से गिरफ्तार किया
-
मुन्ना बजरंगी गैंग, बावरिया गिरोह के कई शूटर पकड़े
-
करियर के दौरान उन पर कई बार जानलेवा हमले भी हुए
उन्होंने कहा—
“वर्दी मेरे लिए डर नहीं, जिम्मेदारी थी। आज मुझ पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन सच कभी छिप नहीं सकता।”
🛡️ "मैं निर्दोष साबित होऊंगा" — DSP शुक्ला
निलंबन के बाद भी उन्होंने कहा कि उनका मनोबल कम नहीं हुआ है।
“मैंने ईमानदारी से नौकरी की है। सिस्टम पर भरोसा है। सच सामने आएगा और मैं पूरी तरह निर्दोष साबित होऊंगा।”
विजिलेंस विभाग उनकी संपत्ति, पिछले पद पोस्टिंग और आय के स्रोतों की विस्तृत जांच कर रहा है।


