हरजिंदर सिंह धामी एक बार फिर SGPC के अध्यक्ष चुने गए, विरोधी खेमे को केवल 18 वोटें मिलीं।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के नए अध्यक्ष के तौर पर एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को फिर से भारी बहुमत के साथ चुना गया है। इस बार कुल 136 वोटें पड़ीं, जिनमें से धामी को 117 वोटें मिलीं, जबकि उनके प्रतिद्वंदी मिठ्ठू सिंह को केवल 18 वोटें ही हासिल हुईं।
यह हरजिंदर सिंह धामी का SGPC अध्यक्ष के रूप में लगातार पांचवां कार्यकाल है।
🏛️ चुनाव प्रक्रिया और नतीजा
चुनाव की शुरुआत में हरजिंदर सिंह धामी ने हाथ उठाकर वोटिंग की अपील की थी, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद गुप्त मतदान के जरिए चुनाव कराया गया।
अकाली दल के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह जीत एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि सुखबीर सिंह बादल ने सभी सदस्यों से राय मशविरा करने के बाद धामी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे बहुमत का समर्थन मिला।
पिछले वर्ष जब चुनाव हुए थे, उस समय विरोधी दल को 33 वोटें मिली थीं, जबकि इस बार यह संख्या घटकर 18 रह गई। इससे यह साफ है कि SGPC सदस्यों में हरजिंदर सिंह धामी के नेतृत्व को लेकर भरोसा और मजबूत हुआ है।
🚩 विरोध प्रदर्शन भी हुआ
चुनाव के दौरान अकाली दल (अमृतसर) के नेताओं ने तेजा सिंह समुद्र हॉल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि चुनाव “गैर-कानूनी तरीके” से कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2011 से अब तक SGPC के लिए नई आम चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विपरीत है।
विरोधी दलों ने केंद्र और पंजाब सरकार पर “सिख समुदाय की लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने” का आरोप भी लगाया।
📜 SGPC की आम बैठक में पारित प्रमुख प्रस्ताव
1️⃣ पंजाब के दरियाई पानी पर अधिकार
SGPC ने यह प्रस्ताव पारित किया कि पंजाब के लोगों का अपने दरियाई जल पर पहला अधिकार है। किसी भी हालत में इसे गैर-कानूनी तरीके से दूसरे राज्यों की ओर मोड़ा नहीं जाना चाहिए। साथ ही सतलुज-यमुना लिंक नहर (SYL Canal) से जुड़ी सभी गतिविधियों को रोकने की मांग की गई।
2️⃣ चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने की मांग
चंडीगढ़, जो पंजाब के गांवों को मिलाकर बसाया गया था, उसे पूरी तरह से पंजाब की राजधानी के रूप में सौंपे जाने की मांग की गई।
3️⃣ भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड में पंजाब का हिस्सा
SGPC ने केंद्र सरकार से कहा है कि भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में पंजाब का हिस्सा और प्रतिनिधित्व बरकरार रहना चाहिए। केंद्र को इस मामले में “मनमानी” नहीं करनी चाहिए।
4️⃣ कृषि निर्णयों में पंजाब की भूमिका
कृषि को पंजाब की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया गया। SGPC ने कहा कि कृषि से जुड़े सभी फैसले किसानों और पंजाब सरकार से सलाह लेकर ही किए जाएं। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी देने की मांग भी दोहराई गई।
5️⃣ सीमावर्ती राज्य के अधिकार
पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, इसलिए उसे अपने संसाधनों, करों और नीतियों पर पूर्ण अधिकार दिए जाने चाहिए। इससे राज्य को विकास और सुरक्षा दोनों स्तरों पर मज़बूती मिलेगी।
6️⃣ सिख पहचान और धार्मिक अधिकारों की रक्षा
SGPC ने केंद्र सरकार से अपील की है कि सभी राज्यों को सिख धर्म की भावनाओं और परंपराओं का सम्मान करने के निर्देश दिए जाएं।
सिख विद्यार्थियों को किसी भी परीक्षा या शैक्षणिक गतिविधि से रोकने जैसी घटनाओं पर सख्ती से कार्रवाई की मांग की गई।
