पंजाब के लुधियाना जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक निजी अस्पताल की लापरवाही ने सबको हैरान कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने मरे हुए व्यक्ति के परिवार को गलत शव सौंप दिया, और परिवार को कहा गया कि शव की पैकिंग को न खोला जाए क्योंकि उसे दवाओं से ट्रीट किया गया है।
🔹 अंतिम संस्कार से पहले खुला मामला
परिवार जब मृतक के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था, तब मृतक की बेटी ने अंतिम दर्शन की इच्छा जताई।
जैसे ही रिश्तेदारों ने कफन हटाया, सबके होश उड़ गए — अंदर एक महिला का शव था, न कि उस व्यक्ति का जिसकी मौत अस्पताल में हुई थी।
इस पर परिजनों ने तुरंत अस्पताल प्रशासन से संपर्क किया और कड़ी नाराजगी जताई। देखते ही देखते अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा हो गया।
🔹 दो परिवारों में मची अफरातफरी
इसी बीच, जिस महिला का शव गलती से सौंप दिया गया था, उसके बेटे को भी अपनी मां का शव नहीं मिला। जब वह अस्पताल पहुंचा, तब जाकर सच्चाई सामने आई।
बाद में प्रशासन ने दोनों शव सही परिवारों को सौंप दिए।
घटना के बाद दोनों परिवारों ने संबंधित पुलिस थाने में अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
🔹 “यह केवल लापरवाही नहीं, भावनात्मक शोषण है”
मृतक के परिजनों का कहना है कि अस्पताल की यह गलती केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से आहत करने वाला कार्य है।
उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की कि इस मामले की पूरी जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।
🔹 अस्पताल प्रशासन ने मानी गलती
अस्पताल के प्रशासनिक इंचार्ज गौरव वर्मा ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि यह “मानवीय त्रुटि” का मामला प्रतीत होता है।
उन्होंने बताया कि मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे।
🗓 निष्कर्ष:
लुधियाना का यह मामला न केवल अस्पतालों में हो रही लापरवाहियों को उजागर करता है बल्कि यह भी बताता है कि मानवीय संवेदनाओं से जुड़े कार्यों में सावधानी कितनी जरूरी है।
लोगों की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग ऐसे संस्थानों पर सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी त्रासदी न झेलनी पड़े।
