पचमढ़ी की वादियों में राहुल गांधी की जंगल सफारी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इन दिनों दो दिवसीय प्रवास पर मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध हिल स्टेशन पचमढ़ी में हैं।
रविवार सुबह उन्होंने प्राकृतिक सुंदरता के बीच जंगल सफारी का आनंद लिया और पार्टी नेताओं से मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस संगठन को और मजबूत करने की अपील की।
रविवार को सुबह राहुल गांधी का काफिला रविशंकर भवन से रवाना हुआ और पनारपानी गेट पहुंचकर सफारी की शुरुआत हुई।
उनके साथ कांग्रेस नेता जीतू पटवारी भी मौजूद रहे।
बताया जा रहा है कि जंगल सफारी का कार्यक्रम शनिवार रात लगभग 11 बजे तय किया गया था, जिसके बाद रातभर तैयारी की गई।
🐅 सुरक्षा व्यवस्था और सफारी मार्ग
राहुल गांधी की सफारी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे।
सफारी दल में पांच जिप्सी और एक फॉरेस्ट कैंपर वाहन शामिल रहे।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (STR) के सहायक संचालक संजय शर्मा और रेंजर विवेक तिवारी भी दल के साथ मौजूद रहे।
सफारी के दौरान घोड़ानाल, बतकछार, नीमघान और पनारपानी जैसे सुंदर प्राकृतिक स्थलों का भ्रमण किया गया।
राहुल गांधी ने इस दौरान क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव संरक्षण की सराहना की।
🗣️ राहुल गांधी का बयान
मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि देश में लोकतंत्र और संविधान पर दबाव बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने और जनता की आवाज़ को सुनने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने कहा कि “भारत का संविधान बाबा साहब अंबेडकर की सोच का प्रतीक है, और इसे बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर लगातार संवाद बनाए रखेगी और जनहित के सवालों को संसद में मजबूती से उठाएगी।
🏞️ पचमढ़ी का आकर्षण
मध्यप्रदेश का पचमढ़ी राज्य का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो सतपुड़ा नेशनल पार्क के पास स्थित है।
यह स्थान अपनी हरी-भरी वादियों, झरनों और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है।
हर साल यहां हजारों पर्यटक और पर्यावरण प्रेमी आते हैं।
राहुल गांधी की यह यात्रा भी प्रकृति के प्रति जागरूकता और पर्यटन को प्रोत्साहित करने का एक संदेश मानी जा रही है।
🗞️ निष्कर्ष:
राहुल गांधी की यह यात्रा राजनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ पर्यावरण और संरक्षण पर भी केंद्रित रही।
उन्होंने प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हुए यह संदेश दिया कि देश में लोकतंत्र, संविधान और पर्यावरण — तीनों की रक्षा सभी नागरिकों की साझा जिम्मेदारी है।
