Rashtra View News: पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। चुनाव आयोग (ECI) ने दावा किया है कि राज्य की मौजूदा वोटर लिस्ट में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नाम 2002 की वोटर सूची से मेल नहीं खाते। यह दावा किसी पार्टी का नहीं, बल्कि खुद चुनाव आयोग का है। इस खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में भारी हलचल है।
🔍 SIR Campaign क्या है?
पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में चुनाव आयोग Special Intensive Revision (SIR) चला रहा है। इसके तहत—
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वोटर लिस्ट की घर-घर जाकर जांच
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पुराने रिकॉर्ड से मिलान
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फर्जी या डुप्लीकेट एंट्री की पहचान
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दस्तावेज़ों की पुन: पुष्टि
यह प्रक्रिया इसलिए की जा रही है ताकि 2026 विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची पूरी तरह दुरुस्त हो सके।
🔔 पश्चिम बंगाल में क्यों बढ़ी चिंता?
जांच के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं—
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हजारों लोग खुद मान रहे हैं कि उनके पास भारत में रहने का कोई वैध दस्तावेज़ नहीं है।
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कई लोगों ने कथित रूप से फर्जी तरीके से वोटर कार्ड बनवा लिया था।
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SIR शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों को बांग्लादेश की ओर जाते हुए देखा गया।
इसी बीच आयोग की ओर से यह भी पता चला कि 2002–2006 की SIR सूची और वर्तमान वोटर लिस्ट के मिलान में 26 लाख वोटरों का डेटा मैच नहीं कर रहा।
📌 “मैपिंग प्रक्रिया” क्या है?
मैपिंग प्रक्रिया में—
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हर एन्यूमरेशन फॉर्म (जारी किया गया घर-घर फॉर्म) को डिजिटल किया जाता है।
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फिर इन्हें चुनाव आयोग के पुराने SIR रिकॉर्ड से मिलाया जाता है।
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यदि कोई नाम, पता, उम्र या पहचान पुराने रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता, तो उसे श्रेणीबद्ध कर आगे की जांच के लिए रखा जाता है।
बुधवार दोपहर तक 6 करोड़ से अधिक फॉर्म डिजिटल किए जा चुके हैं और लगातार उनका मिलान जारी है।
📝 आगे ऐसे वोटर्स को क्या करना होगा?
ECI के अधिकारियों ने बताया—
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जिन्हें नोटिस मिलता है, उन्हें अपने दस्तावेज़ व पहचान का प्रमाण देना होगा।
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अगर उचित दस्तावेज़ नहीं मिलते, तो नाम हटाया जा सकता है।
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फर्जी दस्तावेज़ मिलने पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
⚠️ राजनीतिक माहौल गरम
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस SIR अभियान के खिलाफ लगातार विरोध कर रही हैं। विपक्षी दल भी इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, आयोग का कहना है कि यह कदम वोटर लिस्ट को 100% सटीक बनाने के लिए जरूरी है।
📰 निष्कर्ष
पश्चिम बंगाल की राजनीति में यह मुद्दा बड़ा रूप ले चुका है। 26 लाख वोटर्स का डेटा मैच न होना एक गंभीर मामला है और आगे इससे संबंधित कई नए खुलासे संभव हैं।
Rashtra View इस मुद्दे से जुड़े हर अपडेट को आपकी स्क्रीन तक पहुँचाता रहेगा।


