Rashtra View – हिमाचल प्रदेश:
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने छोटे दुकानदारों और छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी राहत देते हुए कर्ज माफी योजना लागू की है। लेकिन इस योजना की शुरुआत कैसे हुई? मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह खुलासा खुद किया है—और इसकी वजह बनीं धर्मशाला की सब्ज़ी विक्रेता अमरजोत कौर।
🌿 सुबह की सैर के दौरान हुई बातचीत ने बदली तस्वीर
गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री सुक्खू धर्मशाला के कचहरी बस स्टैंड क्षेत्र में सुबह की सैर कर रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात कचहरी बाज़ार में सब्ज़ी बेचने वाली अमरजोत कौर जी से हुई।
सीएम ने बताया कि वह इससे पहले भी लगभग एक वर्ष पहले अमरजोत कौर से मिल चुके हैं। वे उनके संघर्षपूर्ण दिनों को याद करते हुए बोले:
“छोटे दुकानदारों की परेशानियों को समझने का एक बड़ा अवसर मुझे अमरजोत कौर जी से बातचीत के दौरान मिला। इन्हीं बातचीतों से प्रेरित होकर हमने छोटे दुकानदार भाई-बहनों के लिए ऋणमाफी योजना तैयार की।”
सुक्खू ने कहा कि ये छोटे व्यापारी और रेहड़ी-फड़ी वाले लोग ही राज्य की अर्थव्यवस्था की असली नींव हैं और सरकार उनकी हरसंभव मदद करती रहेगी।
📚 कचहरी चौक में छात्रा से भी की बातचीत
मुख्यमंत्री ने कचहरी चौक की वर्षाशालिका में बैठी एक छात्रा से भी बातचीत की।
सीएम ने कहा कि जीवन की छोटी-छोटी बातें और ज़मीनी स्तर की बातचीत ही बताती हैं कि नीतियां तभी सफल होती हैं जब वे लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाएं।
✨ कर्ज माफी योजना क्यों ज़रूरी थी?
राज्य सरकार के अनुसार:
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छोटे दुकानदार
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रेहड़ी फड़ी विक्रेता
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महिला स्वरोजगारकर्ता
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दैनिक छोटे कारोबारी
अक्सर छोटे ऋणों के बोझ से दब जाते हैं। महामारी और आर्थिक चुनौतियों के बाद ऐसे लोगों की आय स्थिर नहीं रह पाती।
इन्हीं समस्याओं को समझकर सरकार ने लघु दुकानदार कर्ज माफी योजना लागू की है।
🔎 निष्कर्ष
अमरजोत कौर जैसे छोटे व्यापारियों की ज़मीन से उठी आवाज़ ने हिमाचल सरकार को एक बड़ा और जनहितैषी कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। यह कहानी बताती है कि एक छोटी मुलाकात भी बड़े बदलाव की वजह बन सकती है।


