भारत चमत्कारों और आस्था की भूमि है, लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जो विज्ञान की सीमाओं से परे रहस्य और दिव्यता का अनुभव कराते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत मंदिर है ईडाणा माता मंदिर, जो राजस्थान की अरावली की पहाड़ियों में बसा है और जिसकी विशेषता है — मां का अग्निस्नान।
🔥 अग्नि से होता है मां का स्नान
कहा जाता है कि जब माता ईडाणा प्रसन्न होती हैं, तो वह स्वयं अग्नि स्नान करती हैं। इस दौरान मंदिर के अंदर रखें फल, फूल, वस्त्र और सजावट की वस्तुएं जलकर राख हो जाती हैं, लेकिन मां की मूर्ति को कोई नुकसान नहीं होता। यह चमत्कार अब तक रहस्य बना हुआ है, जिसे देखने हर साल हजारों श्रद्धालु यहां खिंचे चले आते हैं।
🙏 श्रद्धा का केंद्र, चमत्कार का स्थल
यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि श्रद्धा और दिव्यता का जीता-जागता प्रतीक है। यहां आने वाले भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और विश्वास करते हैं कि मां ईडाणा हर सच्चे श्रद्धालु की पुकार ज़रूर सुनती हैं।
📍 कहां स्थित है मंदिर?
यह रहस्यमयी मंदिर राजस्थान के उदयपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित है। अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा यह स्थल शांति और शक्ति दोनों का प्रतीक है। मंदिर की एक अनूठी बात यह भी है कि इसके ऊपर कोई छत नहीं है।
माना जाता है कि इसका नाम मेवाड़ की महारानी ईडाणा देवी के नाम पर पड़ा था, और तब से यह मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
🔥 हाल ही में फिर हुआ अग्नि प्रकट
मार्च महीने में मंदिर परिसर में फिर एक बार अग्नि प्रकट हुई थी, जिससे वहां मौजूद सभी सामग्री जलकर राख हो गई, लेकिन देवी की प्रतिमा एक बार फिर पूरी तरह सुरक्षित रही। यह दृश्य वहां मौजूद श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन गया।