बिलासपुर जिला की उपलब्धि
बिलासपुर जिला टीबी उन्मूलन की दिशा में लगातार उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है।
शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग बिलासपुर द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त राहुल कुमार ने की।
इस कार्यक्रम में 29 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया और उनके प्रतिनिधियों को महात्मा गांधी की प्रतिमा व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सिल्वर कैटेगरी: लगातार दूसरे वर्ष शामिल पंचायतें
उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि यह गर्व की बात है कि जिन 29 पंचायतों को पिछले वर्ष टीबी मुक्त घोषित किया गया था, उनमें से 11 पंचायतें लगातार दूसरे वर्ष भी इस सूची में बनी रही हैं।
इन पंचायतों को सिल्वर कैटेगरी में रखते हुए गांधी जी की सिल्वर प्रतिमा भेंट की गई।
इनमें शामिल पंचायतें हैं:
-
गतवाड़
-
लंझता
-
मरहाणा
-
मैहरी काथला
-
सलाओं उपरली
-
कोठीपुरा
-
बैहल
-
लैहरी
-
रोड जामण
-
तरसूह
-
टोबा संगवाणा
ब्रॉन्ज कैटेगरी: इस वर्ष नई जुड़ी पंचायतें
इस वर्ष 18 पंचायतें पहली बार टीबी मुक्त घोषित की गईं और इन्हें ब्रॉन्ज कैटेगरी में स्थान दिया गया।
इनमें शामिल हैं: दाबला, घंडालवीं, हम्बोट, कसारु, कोट, कुठेड़ा, संडयार, बलघाड़, गालियां, जांगला, झबोला, नघ्यार, विजयपुर, द्रोबड़, कचौली, सुई सुरहाड, कोटखास और माकड़ी।
स्वास्थ्य विभाग के प्रयास
कार्यक्रम में उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि जिन पंचायतों का नाम इस बार सूची में नहीं आ सका, उन्हें पुनः शामिल करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।
उन्होंने कहा कि—
-
वर्ष 2024 में 37 पंचायतों ने दावा किया था, जिनमें से 29 प्रमाणित हुई हैं।
-
जिला को पूरी तरह टीबी मुक्त बनाने में पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
-
लोगों को नियमित जांच और समय पर उपचार के लिए जागरूक करना जरूरी है।
जनता से अपील
उपायुक्त ने कहा कि—
-
अगर कोई व्यक्ति टीबी के लक्षण महसूस करता है, तो उसे तुरंत जांच करवानी चाहिए।
-
बीमारी छिपाने से संक्रमण और लोगों तक फैल सकता है।
-
समय पर पहचान और इलाज से ही टीबी को जड़ से मिटाया जा सकता है।
भविष्य की राह
उन्होंने विश्वास जताया कि पंचायत प्रतिनिधियों, स्वास्थ्य विभाग और नागरिकों के संयुक्त प्रयास से बिलासपुर जिला जल्द ही पूर्ण रूप से टीबी मुक्त बनकर सामने आएगा।