हरियाणा में आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और चिरायु योजना के तहत निजी अस्पतालों द्वारा इलाज बंद किए जाने के बाद अब मरीजों को राहत मिली है। लगभग 19 दिन बाद प्रदेश के निजी अस्पतालों ने आयुष्मान लाभार्थियों का इलाज न करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है।
यह फैसला मुख्य सचिव के साथ हुई अहम बैठक के बाद लिया गया। बैठक में सरकार ने आश्वासन दिया कि निजी अस्पतालों को भुगतान में अब एक महीने से ज्यादा की देरी नहीं होगी।
क्यों रोका गया था इलाज?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) हरियाणा ने 7 अगस्त से इलाज बंद करने का फैसला किया था।
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IMA का आरोप था कि सरकार ने 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया भुगतान नहीं किया है।
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मार्च 2025 से अब तक अस्पतालों को केवल 10-15% भुगतान ही मिला है।
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छोटे अस्पतालों पर वित्तीय संकट गहराने लगा था।
राज्य में अस्पतालों की स्थिति
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हरियाणा में करीब 650-700 निजी अस्पताल आयुष्मान योजना से जुड़े हैं।
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ये अस्पताल प्रदेश के लगभग 90% मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं।
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IMA के अध्यक्ष डॉ. महाजन का कहना है कि पिछले दो वर्षों से भुगतान अनियमित तरीके से हो रहे हैं।
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सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केवल 700 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि वास्तविक आवश्यकता करीब 2000-2500 करोड़ रुपये की है।
अब मरीजों को राहत
सरकार और अस्पताल प्रबंधन के बीच हुई सहमति के बाद अब आयुष्मान लाभार्थियों का इलाज पहले की तरह जारी रहेगा। हालांकि, अस्पताल संचालकों का कहना है कि यदि भुगतान में सुधार नहीं हुआ तो भविष्य में फिर से ऐसे कदम उठाने पड़ सकते हैं।