🌧️ बादल फटने से बढ़ी मुसीबत
भुभु जोत की पहाड़ी पर बादल फटने के बाद पानी दो हिस्सों में बंट गया, जिससे चौहारघाटी की पंचायत तरसावण और सिल्हबुधाणी समेत कुल्लू जिले की लगघाटी के कड़ौण और तेलंग गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। कई मकान, खेत और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं।
🚧 कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन हाईवे बंद
भूस्खलन की वजह से बिलासपुर जिले के थापना क्षेत्र में टनल नंबर-2 के पास कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन हाईवे को बंद करना पड़ा। इसके चलते वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है और लोगों को वैकल्पिक मार्ग से गुजरना पड़ रहा है।
🏚️ नुकसान का आंकड़ा बढ़ा
सोमवार रात डेढ़ बजे सिल्हबुधाणी पंचायत के कोरतंग और कुंगड़ी नाले में आई बाढ़ से एक दुकान, पांच पैदल पुल, दो मछली फार्म और देव कपलधार गहरी मंदिर की सराय बह गई। स्थानीय लोग प्रशासन से तुरंत राहत और बचाव कार्य की मांग कर रहे हैं।
⚠️ जम्मू-कश्मीर में हालात गंभीर
उधर, जम्मू-कश्मीर में भी बारिश और भूस्खलन का कहर जारी है। अब तक वहां 66 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। राहत और बचाव दल लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन खराब मौसम के चलते मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।
🚨 प्रशासन अलर्ट पर
प्रदेश प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के आदेश जारी कर दिए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी सक्रिय किया गया है।
👉 यह प्राकृतिक आपदा एक बार फिर दिखाती है कि हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्यों में बरसात का मौसम कितना खतरनाक साबित हो सकता है।