पंजाब ने इस साल हाल के इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ देखी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक 57 लोगों की मौत, पशुधन की भारी क्षति और हजारों घरों व सड़कों को नुकसान हुआ है। सवाल उठता है कि आखिर इतनी बड़ी त्रासदी के पीछे कारण क्या रहे?
1. अत्यधिक वर्षा
इस बार मानसून के दौरान सामान्य से कहीं अधिक बारिश हुई, जिससे रावी और सतलुज जैसी नदियाँ खतरे के स्तर से ऊपर बहने लगीं।
2. नदियों का मार्ग बदलना
तेज़ धारा के कारण नदियों ने कई जगह अपना रास्ता बदल लिया, जिससे गांव और खेत सीधे पानी की चपेट में आ गए।
3. प्रबंधन में लापरवाही
स्थानीय किसानों का आरोप है कि बाढ़ नियंत्रण और तटबंधों की मरम्मत पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया। यही वजह है कि नुकसान और भी बढ़ गया।
4. जलवायु परिवर्तन का असर
बढ़ते तापमान और बदलते मौसम पैटर्न के कारण अचानक और तीव्र बारिश की घटनाएं अधिक हो रही हैं। यह स्थिति भविष्य में और भी गंभीर हो सकती है।
🚜 किसानों पर संकट
सीमा क्षेत्र में रहने वाले किसान पहले से ही सुरक्षा मंजूरी लेकर खेती करने की मजबूरी झेलते हैं। अब बाढ़ और कटाव ने उनकी जीविका को पूरी तरह खतरे में डाल दिया है।
गांव के एक अन्य किसान कुलबीर सिंह गिल का कहना है –
"हम पहले से ही खतरों के बीच जी रहे थे। अब ज़मीन के कटाव ने हमारी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।"