Rashtra View Updates | Hans Raj | अमृतसर
तरनतारन जिले में छेड़छाड़ और मारपीट के एक मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। खडूर साहिब से आम आदमी पार्टी के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा समेत कुल 12 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। एडिशनल सेशन जज प्रेम कुमार की अदालत ने बुधवार को यह फैसला सुनाया, जिसके बाद सभी आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
यह मामला चार मार्च 2013 का है, जब अनुसूचित जाति की एक लड़की अपने परिवार के साथ गोइंदवाल बाइपास स्थित पंजाब इंटरनेशनल पैलेस गई थी। वहां मौजूद कुछ टैक्सी चालकों और ड्राइवरों ने उसके साथ छेड़छाड़ की और विरोध करने पर मारपीट की। मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर भी आरोप है कि उसने लड़की और उसके परिवार के साथ सरेराह मारपीट की। इस घटना का वीडियो एक फोटोग्राफर ने रिकॉर्ड कर लिया था, जिसने पूरे मामले को उजागर कर दिया।
पीड़ित परिवार अगले दिन वीडियो लेकर थाना सिटी तरनतारन पहुंचा, जिसके बाद मामला मीडिया में सुर्खियों में आया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़ित परिवार को केंद्रीय सुरक्षा प्रदान की गई। साथ ही, एससी कमिशन के राष्ट्रीय चेयरमैन डा. राज कुमार वेरका ने मामले का संज्ञान लिया। थाना सिटी में मुकदमा नंबर 59/13 दर्ज कर कार्रवाई शुरू हुई।
इस मुकदमे में टैक्सी चालक हरविंदर सिंह शोशी के अलावा विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को एफआईआर में नामजद किया गया। पुलिस पार्टी के उन सदस्यों को भी आरोपी बनाया गया जिन्होंने पैलेस के बाहर मारपीट की थी। यह फैसला न्याय व्यवस्था में विश्वास कायम करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
छावनी में तबदील हुई कचहरी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
छेड़छाड़ और मारपीट के बहुचर्चित मामले की सुनवाई एडिशनल सेशन जज प्रेम कुमार की अदालत में हो रही थी। आठ सितंबर को अंतिम बहस पूरी हुई, जिसके बाद अदालत ने अंतिम फैसला सुनाने के लिए 10 सितंबर की तिथि तय की थी। जैसे ही अदालत ने अपना निर्णय सुनाया, कचहरी परिसर पुलिस छावनी में तबदील हो गया।
सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी कर दी गई कि परिसर में प्रवेश से लेकर प्रत्येक गतिविधि पर पुलिस की नजर रही। बड़ी संख्या में पुलिस जवान तैनात किए गए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। अदालत परिसर में न सिर्फ आरोपियों की आवाजाही नियंत्रित की गई, बल्कि मीडिया और आम लोगों की पहुंच पर भी सीमाएं लागू कर दी गईं।
कचहरी में माहौल बेहद गंभीर था। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले किसी भी तत्व पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम न सिर्फ मामले की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि न्याय व्यवस्था में विश्वास को भी मजबूती प्रदान करता है। क्षेत्रवासियों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन का स्वागत किया है।