शिमला, 08 सितंबर। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। राज्य ने 99% साक्षरता दर प्राप्त करते हुए राष्ट्रीय मानक 95% को पार कर लिया है। यह उपलब्धि न केवल हिमाचल के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर शिमला के पीटरहॉफ में आयोजित उल्लास मेला शुभारंभ समारोह में हिमाचल को औपचारिक रूप से पूर्ण साक्षर राज्य घोषित करेंगे। इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी उपस्थित रहेंगे।
यह सफलता राज्य सरकार, शिक्षा विभाग, शिक्षकों और आम जनता के समर्पित प्रयासों से संभव हुई है। हिमाचल ने केंद्र द्वारा संचालित उल्लास – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप शिक्षा का विस्तार किया। जन-जन साक्षर कार्यक्रम ने 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के निरक्षरों को शिक्षा से जोड़ा और उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया। आज हिमाचल प्रदेश ने यह उपलब्धि राष्ट्रीय लक्ष्य से पांच वर्ष पहले हासिल कर देश के लिए एक आदर्श प्रस्तुत कर दिया है।
📌 यह उपलब्धि क्यों खास है?
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पूरे प्रदेश में शिक्षा का विस्तार
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निरक्षरता मिटाने की दिशा में सामूहिक प्रयास
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सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
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आजीवन शिक्षा के लक्ष्य को बढ़ावा
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राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी राज्य का दर्जा