हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत स्वीकृत कुल बस्तियों में से 239 बस्तियां आज भी सडक़ सुविधा से वंचित हैं। कई स्थानों पर निजी भूमि न मिलने, गिफ्ट डीड न होने, वन भूमि की अनुमति न मिलने जैसे कारणों से सडक़ निर्माण का कार्य अटका पड़ा है। वहीं, 31 जनवरी 2025 तक 1569 बस्तियां ढाई सौ से अधिक आबादी के बावजूद सड़क सुविधा से दूर थीं। 67 बस्तियों में काम वन भूमि से संबंधित अनुमति (एफआरए या एफसीए) के चलते रुका है।
हिमाचल के कई गांव कठिन भौगोलिक स्थिति, बर्फीले क्षेत्र में सीमित कार्यकाल, फ्लैश फ्लड, और ठेकेदारों की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। लोक निर्माण विभाग ने विधानसभा की प्राक्कलन समिति के समक्ष यह जानकारी रखी, जहाँ कांग्रेस विधायक राकेश कालिया की अध्यक्षता में योजना की समीक्षा की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना का उद्देश्य
कार्य में लापरवाही पर कार्रवाई
पिछले 5 वर्षों में 100 ठेकेदारों पर समय सीमा में काम न पूरा करने पर कुल 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इनमें सबसे अधिक 42 ठेकेदार हमीरपुर क्षेत्र से हैं। शिमला में 37, मंडी में 5 और कांगड़ा में 16 ठेकेदारों पर यह कार्रवाई हुई। कई जगहों पर टेंडर लागत से अधिक वैल्यू पर दिए जा रहे हैं, जिस पर समिति ने आपत्ति दर्ज कर जवाब मांगा है।