चंडीगढ़ की जर्जर सड़कों को लेकर बढ़ती शिकायतों के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। शहर में सड़कों की बदहाली को लेकर मीडिया अभियान चलने पर चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने कड़े निर्देश दिए हैं कि अब किसी भी सड़क निर्माण का भुगतान तभी होगा, जब उसकी गुणवत्ता की जांच थर्ड पार्टी ऑडिट से पूरी हो जाएगी।
Rashtra View की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम आम नागरिकों की परेशानियों को दूर करने और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। ऑडिट के दौरान सड़क निर्माण में उपयोग की गई सामग्री, डिजाइन, संचालन और रखरखाव की हर परत की स्वतंत्र जांच की जाएगी। अगर कहीं मानकों की अनदेखी पाई गई तो संबंधित ठेकेदार का भुगतान रोक दिया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
प्रशासक कटारिया ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि चाहे बाहरी मशीनरी मंगवानी पड़े, लेकिन सर्दियों से पहले शहर की सभी खराब सड़कों को दुरुस्त कर दिया जाए। टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और मानसून खत्म होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
यह पहल न केवल निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करेगी बल्कि नागरिकों का प्रशासन पर भरोसा भी बढ़ाएगी। सड़क बनने के बाद ठेकेदार और अधिकारी दोनों की जवाबदेही तय की जाएगी।
मुख्य बिंदु – Rashtra View की विशेष रिपोर्ट:
✔ सड़क निर्माण में थर्ड पार्टी ऑडिट से गुणवत्ता सुनिश्चित होगी
✔ ऑडिट में गड़बड़ी मिलने पर भुगतान रोका जाएगा और जिम्मेदारी तय होगी
✔ सर्दियों से पहले सभी खराब सड़कों का निर्माण और मरम्मत पूरी करनी होगी
✔ नागरिक सीधे अपनी समस्याएं अधिकारियों के सामने रख सकेंगे
Rashtra View मानता है कि यह पहल चंडीगढ़ को स्मार्ट, सुरक्षित और पारदर्शी शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे आम जनता को बेहतर सड़कें और समय पर सेवाएं मिलेंगी।