भविष्य की तकनीक अब और भी रोमांचक होने वाली है। आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा खास 2डी मैटेरियल विकसित किया है, जिसकी मदद से मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस कागज से भी पतले और बेहद मजबूत हो जाएंगे। इसका मतलब यह है कि गिरने से डिवाइस टूटने का डर खत्म हो जाएगा।
आने वाले समय में एलईडी टीवी आपकी जेब में समा सकेगा, कपड़ों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बनाई जा सकेगी और शरीर पर लगाए गए एक छोटे से चिप से स्वास्थ्य की हर हरकत को ट्रैक किया जा सकेगा।
ग्रैफीन और 2डी मैटेरियल्स की खासियत
शोधकर्ताओं ने बताया कि ग्रैफीन और अन्य 2डी मैटेरियल्स में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो इन्हें भविष्य के फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर, सुपरकैपेसिटर और वियरेबल डिवाइस के लिए बेहद उपयुक्त बनाते हैं। हालांकि अब तक इन सामग्रियों के उपयोग में कई चुनौतियाँ आती रही हैं जैसे कि ऑक्सीकरण, डिग्रेडेशन और नाजुक परतों को सुरक्षित रखना।
IIT मंडी की नई खोज
आईआईटी मंडी की टीम ने इस समस्या का हल ढूंढ लिया है। उन्होंने वॉटर-मीडिएटिड, नॉन-डिस्ट्रक्टिव ट्रांसफर मैथड का उपयोग करके WS-2 मोनोलेयर को सुरक्षित रखने की तकनीक विकसित की है। इससे सामग्री की परतों को नुकसान नहीं होता और वे लंबे समय तक टिकाऊ रहती हैं।
इस शोध का नेतृत्व प्रो. विश्वनाथ बालकृष्णन ने किया और टीम में यदु चंद्रन, डॉ. दीपा ठाकुर और अंजलि शर्मा शामिल रहे।
भविष्य में क्या बदलेगा?
यह नई तकनीक भविष्य में कई क्षेत्रों में क्रांति ला सकती है –
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फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स (मुड़ने योग्य मोबाइल और लैपटॉप)
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वियरेबल मेडिकल सेंसर (सीधे शरीर पर लगाए जाने वाले हेल्थ डिवाइस)
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हल्के और सस्ते सोलर पैनल
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अगली पीढ़ी के सेंसर और स्मार्ट डिवाइस
आईआईटी मंडी के इस शोध से उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में स्मार्ट वियरेबल्स, हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी और ऊर्जा-कुशल सिस्टम का विकास और तेज होगा।