एशिया कप का सबसे बड़ा मुकाबला अब सामने है। रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। इस हाई-वोल्टेज मैच से पहले टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन को लेकर चर्चाएं तेज हैं। खासकर अर्शदीप सिंह को लेकर टीम मैनेजमेंट के सामने बड़ा फैसला है।
अर्शदीप पर क्यों हो रहा जोर?
अर्शदीप सिंह टी20 फॉर्मेट में भारत के सबसे भरोसेमंद गेंदबाजों में से एक हैं। खासकर डेथ ओवर्स में उनकी धारदार गेंदबाजी विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को रोकने में अहम भूमिका निभाती है। यही वजह है कि पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने सलाह दी है कि अर्शदीप को फाइनल में जरूर शामिल किया जाना चाहिए।
पहला मैच बना विवाद का कारण
एशिया कप के पहले मैच में जब भारत ने यूएई के खिलाफ अर्शदीप सिंह को बाहर बैठाकर शिवम दुबे को मौका दिया, तो यह फैसला सभी को चौंकाने वाला लगा। टीम थिंक टैंक, जिसमें गौतम गंभीर भी शामिल थे, ने बल्लेबाजी को गहराई देने के लिए भारत के प्रमुख विकेट-टेकर को ही ड्रॉप कर दिया।
हालांकि, आंकड़े साफ कहते हैं कि अर्शदीप इस फॉर्मेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में से हैं। उनकी गेंदबाजी के बिना टीम इंडिया डेथ ओवर्स में कमजोर पड़ सकती है।
इरफान पठान की सलाह
इरफान पठान का मानना है कि बड़े मैचों में टीम इंडिया को ऐसे गेंदबाजों की जरूरत है, जो दबाव झेलकर शानदार गेंदबाजी कर सकें। अर्शदीप सिंह का अनुभव और उनका रिकॉर्ड दोनों ही पाकिस्तान जैसी टीम के खिलाफ फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
टीम इंडिया की सबसे बड़ी टेंशन
डेथ ओवर्स हमेशा से भारत के लिए चिंता का विषय रहे हैं। अगर अर्शदीप को बाहर रखा गया तो यह टीम की सबसे बड़ी कमजोरी साबित हो सकती है। ऐसे में प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।