मनाली, जो कभी देश-विदेश के सैलानियों की पहली पसंद हुआ करता था, इस बार त्योहारी सीजन में पूरी तरह वीरान पड़ा है। भारी बारिश से ब्यास नदी उफान पर है और जगह-जगह भूस्खलन ने चंडीगढ़–मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है।
इस आपदा ने कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिले के पर्यटन और होटल उद्योग पर गहरा असर डाला है। नवरात्रों के दौरान जब यहां होटलों में कमरा मिलना मुश्किल हो जाता था, इस बार होटल्स में शून्य बुकिंग दर्ज की गई है।
पुराना मनाली, जिसे ‘मिनी इज़राइल’ कहा जाता है और जहां आमतौर पर विदेशी सैलानियों की चहल-पहल रहती है, आज सुनसान नज़र आ रहा है। यहां की भीड़भाड़ वाली गलियां, कैफ़े और बस स्टैंड अब सूने पड़े हैं।
पर्यटन व्यवसायियों के मुताबिक, लगातार बारिश और सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से सैलानी मनाली आने से कतरा रहे हैं। इससे न केवल होटल मालिकों बल्कि टैक्सी, गाइड और छोटे कारोबारियों को भी भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि मौसम सुधरने और सड़क मार्ग दुरुस्त होने के बाद ही यहां का पर्यटन उद्योग फिर से रफ्तार पकड़ पाएगा।