मोहाली: आयकर विभाग की इंटेलिजेंस एंड क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन (I&CI) डाइरेक्टरेट ने मोहाली के खरड़ स्थित तहसीलदार कार्यालय में सर्वे कर बड़ा खुलासा किया है। जांच के दौरान 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रॉपर्टी डील्स में गड़बड़ियां सामने आई हैं।
15 दिन में सही रिकॉर्ड दाखिल करने का आदेश
डाइरेक्टरेट ने राज्य के राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अगले 15 दिनों के भीतर स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (SFT) दाखिल करें और अपने वित्तीय रिकॉर्ड को दुरुस्त करें। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जांच में कैसे सामने आई गड़बड़ी?
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अधिकारियों ने स्टेट रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर के आंकड़ों की तुलना आयकर विभाग को भेजी गई रिपोर्ट से की।
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पाया गया कि कई बड़ी प्रॉपर्टी डील्स, जिनकी वैल्यू करोड़ों में थी, या तो रिपोर्ट ही नहीं की गईं या फिर गलत जानकारी भेजी गई।
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नियमों के मुताबिक, ₹30 लाख से अधिक के सभी प्रॉपर्टी सौदों की रिपोर्ट अनिवार्य है। इसमें खरीदार और विक्रेता के नाम, पैन और आधार डिटेल शामिल होना चाहिए।
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मगर, कई मामलों में तहसीलदारों ने अधूरी जानकारी भेजी, खासकर PAN नंबर का उल्लेख नहीं किया, जिससे लेन-देन की पहचान और टैक्स की जांच असंभव हो गई।