हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए राहत की खबर है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 26 सितंबर को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून राज्य से पूरी तरह विदा हो गया। इस साल मॉनसून 20 जून को हिमाचल पहुंचा था और करीब तीन महीने तक प्रदेश में सक्रिय रहा।
सामान्य से ज्यादा बरसा पानी
इस बार हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के दौरान सामान्य से 40% अधिक बारिश दर्ज की गई। राज्य में कुल 1023 मिलीमीटर वर्षा हुई। भारी बारिश की वजह से प्रदेश को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।
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4,881 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान
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454 लोगों की मौत
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9,230 घर पूरी तरह से नष्ट
यह आँकड़े साफ बताते हैं कि बारिश ने इस बार प्रदेश में कितना बड़ा संकट खड़ा किया।
किन जिलों से कब लौटा मॉनसून?
मौसम विभाग ने जानकारी दी कि 25 सितंबर को राज्य के 12 में से आठ जिलों – चंबा, कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और मंडी से मॉनसून लौट चुका था। इसके बाद 26 सितंबर को कुल्लू, शिमला और लाहौल-स्पीति के कुछ हिस्सों से भी विदाई हो गई।
पिछले वर्षों का रिकॉर्ड
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सबसे जल्दी मॉनसून की विदाई: 2015 (29 सितंबर)
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सबसे देर से मॉनसून की विदाई: 2019 (11 अक्टूबर)
इस बार मॉनसून अपेक्षाकृत जल्दी लौट गया है, लेकिन अपने पीछे गहरी चोट छोड़ गया।
आगे का मौसम कैसा रहेगा?
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि ऊंचाई वाले इलाकों में रात का तापमान गिरना शुरू हो सकता है, जिससे सर्दियों की दस्तक का एहसास होने लगेगा।