पंजाब विधानसभा का मानसून सत्र आज जोरदार हंगामे से भरा रहा। सदन में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया गया। यह प्रस्ताव उस नाराजगी के चलते लाया गया जिसमें मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से मिलने का समय नहीं दिया गया।
विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों की ओर से इस मुद्दे पर गर्म बहस देखने को मिली। विधायकों ने आरोप लगाया कि जब राज्यपाल को प्रधानमंत्री से मिलने का समय दिया जा सकता है, तो मुख्यमंत्री को क्यों नहीं। इस रवैये को लेकर भेदभाव के आरोप लगाए गए।
बाढ़ राहत पर भी उठे सवाल
सदन की कार्यवाही के दौरान एक और बड़ा मुद्दा बाढ़ राहत को लेकर सामने आया। विधायकों ने केंद्र सरकार से सवाल किए कि पंजाब को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता और राहत के लिए पर्याप्त फंड क्यों नहीं दिया गया।
कई विधायकों का कहना था कि किसानों और आम जनता को अभी भी मदद का इंतजार है, जबकि केंद्र की ओर से कोई ठोस कदम सामने नहीं आया है।
राजनीतिक हलचल तेज
इस निंदा प्रस्ताव के बाद पंजाब की राजनीति में हलचल और तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव को और गहरा सकता है।